दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र से कहा- वीजा देते वक्त विशेष मानवीय कारणों पर हो विचार
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दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र से कहा- वीजा देते वक्त विशेष मानवीय कारणों पर हो विचार

उच्च न्यायालय ने ये टिप्पणियां केन्द्र को उज्बेकिस्तान की एक महिला को वीजा मंजूर करने का निर्देश देते हुए कीं. 

 (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि विदेशी नागरिकों को वीजा मंजूर करने के संबंध में केन्द्र सरकार के पास ‘असीमित विवेकाधिकार’ है लेकिन निर्णय करते समय कुछ खास मानवीय कारणों पर जरूरी विचार किया जाना चाहिए.

उच्च न्यायालय ने ये टिप्पणियां केन्द्र को उज्बेकिस्तान की एक महिला को वीजा मंजूर करने का निर्देश देते हुए कीं. इस विदेशी महिला को भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी जबकि उसके एक नाबालिग बच्चे को यहां इलाज के लिए मेडिकल वीजा दिया जा चुका है.

न्यायमूर्ति विभु बाखडू ने कहा कि बच्चे को मेडिकल वीजा जारी करना लेकिन माता पिता को प्रवेश की अनुमति नहीं देने से ‘‘कोई उद्देश्य पूरा नहीं होने वाला है.’ 

अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘अदालतों ने कई फैसलों में मानवीय रुख अपनाने के महत्व को रेखांकित किया है.’’ अदालत ने कहा,‘केन्द्र सरकार के पास विदेशी नागरिकों को वीजा देने के संबंध में असीमित विवेकाधिकार है लेकिन निर्णय करते वक्त कुछ खास मानवीय कारणों पर विचार किया जाना चाहिए.’

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