सनातन धर्म के अनुसार पीपल को वृक्षों का राजा कहा जाता है. शास्त्रों की मानें तो इस वृक्ष में सभी देवी-देवताओं के साथ पितरों का वास भी माना गया है.
Gangesh Thakur
Apr 08, 2023
पीपल का वृक्ष भगवान विष्णु का निवास स्थान माना जाता है. इसलिए इसे श्रेष्ठदेव वृक्ष कहते हैं. पीपल के वृक्ष का वैज्ञानिक महत्व भी काफी है साथ ही यह औषधी गुण का खजाना भी है.
सनातन धर्म के अनुसार पीपल के वृक्ष की परिक्रमा करने से आयु लंबी होती है. जल अर्पित करने से सभी पापों का अंत होता है.
शनिदेव की पीड़ा को शांत करने लिए भी पीपल के वृक्ष की पूजा का विधान है. रविवार को छोड़कर नियमित रूप से इस पौधे की जड़ में जल अवश्य अर्पित करना चाहिए.
पीपल के पौधे को घर में नहीं लगाना चाहिए, कहा जाता है कि इसकी छाया घर पर नहीं पड़नी चाहिए.
वातावरण के दूषित तत्वों, कीटाणुओं को नष्ट करने के कारण पीपल को औषधीय गुणों वाला माना जाता है.
पीपल का वृक्ष रात-दिन 24 घंटे ऑक्सीज़न देने वाला एकमात्र अद्भुत वृक्ष है.