बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों को जर्दालू आम बहुत पसंद है और वे इसे बहुत बड़े शौक से खाते हैं. अब सोशल मीडिया पर जर्दालू आम की मांग बढ़ गई है और पूरे देश में लोग इसके बारे में अधिक जानने लगे हैं.
इसे उसके अनूठे स्वाद, मिठास और खास सुगंध के लिए पहचाना जाता है. यह भारत में आम की सबसे उत्कृष्ट किस्मों में से एक मानी जाती है. बिहार के इस जर्दालू आम की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर भी है.
बिहार सरकार ने 2007 से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सभी राज्यों के राज्यपालों को जर्दालु आम का उपहार भेजना शुरू किया है. इससे आम को एक खास पहचान मिली है. हर साल आम की कटाई के बाद सबसे पहले यह आम दिल्ली को भेजा जाता है.
जर्दालू आम आमतौर पर जून और जुलाई महीने में तोड़े जाते हैं. इसका छिलका बहुत पतला होता है और इसका आकार अंडाकार होता है, जिससे इसे छीलना आसान होता है.
जर्दालू आम का गूदा नरम, रसदार और फाइबर रहित होता है. इसे ताजा खाया जाता है या आम का रस, स्मूदी और अन्य मिठाइयां बनाने में उपयोग किया जाता है.
इस आम का वजन लगभग 250-300 ग्राम होता है. इसका छिलका पतला होता है और इसका रंग हरा-पीला होता है, जो फल पकने पर सुनहरे पीले रंग में बदल जाता है.
आम के बारे में यह बताया जाता है कि इसके अलावा अपने स्वादिष्ट स्वाद के साथ जर्दालू आम विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भी भरपूर होता है, जो इसे एक स्वस्थ और पौष्टिक फल बनाता है. इनका उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी किया जाता है.