EVM Machine

बिहार समेत आज से देश में लोकसभा चुनाव 2024 की शुरुआत हो गई है. चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का बहुत महत्वपूर्ण रोल होता है. हर बार चुनाव से पहले EVM पर बहुत बहस होती है, लेकिन फिर भी EVM देश को नई सरकार देने में मदद करती है. यह मशीन अन्य चुनावों में भी उपयोग की जाती है.

EVM Use in India

ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का पहला इस्तेमाल लोकसभा और विधानसभा चुनावों में 1982 में हुआ था. इस मशीन ने भारत में बैलेट पेपर को रिप्लेस करने का काम किया. इस पर कई बार आरोप लगे हैं, लेकिन अब तक कोई इसे सिद्ध नहीं कर पाया है. इन आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रायल (VVPAT) सिस्टम को शुरू किया है. यह सिस्टम 2014 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था. हालांकि, यह सिस्टम अभी भी पूरी तरह से लागू नहीं है.

How Did The Story of EVM Begin

सन् 1980 में एम. बी. हनीफा ने पहली वोटिंग मशीन बनाई थी. इसे उस समय 'इलेक्ट्रॉनिक्ली ऑपरेटेड वोट काउंटिंग मशीन' कहा जाता था. इसका प्रारंभिक डिजाइन तमिलनाडु के 6 शहरों में सरकारी एक्सिबिशन में दिखाया गया था. EVM का पहला इस्तेमाल 1982 में केरल के उत्तर परवूर में हुए उप-चुनाव में किया गया था.

EVM Use First Time

प्रारंभिक दिनों में चुनाव आयोग को EVM के इस्तेमाल पर कई विरोध का सामना करना पड़ा. सन् 1998 में EVM का इस्तेमाल 16 विधानसभा में हुआ. इसके बाद 1999 में यह प्रणाली 46 लोकसभा सीटों पर विस्तारित की गई. सन् 2004 में लोकसभा चुनाव में EVM का इस्तेमाल सभी सीटों पर होने लगा.

How Does EVM Work

EVM में दो यूनिट्स होती हैं - कंट्रोल और बैलेट. एक यूनिट जिस पर आप वोट डालते हैं और दूसरी जिसमें वोट स्टोर किया जाता है. कंट्रोल यूनिट मतदान अधिकारी के पास होती है, जबकि बैलेट यूनिट को दूसरी तरफ रखा जाता है. जहां से लोग वोट डालते हैं.

How EVM Machine Works

बैलेट यूनिट पर आपको सभी पार्टियों के चिह्न और उनके उम्मीदवारों के नाम दिए होते हैं, जिसके सामने एक नीला बटन होता है. इन बटन्स को दबाकर आप अपना वोट डालते हैं. वहीं, कंट्रोल यूनिट पर Ballot मार्क वाला एक बटन होता है, जिसे दबाने के बाद दूसरा वोटर अपना वोट डाल पाता है.

What Happens Inside EVM

एक्सपर्ट्स के मुताबिक EVM में एक माइक्रोप्रोसेसर लगा होता है. इस प्रोसेसर को केवल एक बार ही प्रोग्राम किया जा सकता है, अर्थात् एक बार प्रोग्राम लिखने के बाद आप इसे बदल नहीं सकते. दूसरे शब्दों में कोई दूसरा सॉफ्टवेयर इसमें लोड नहीं किया जा सकता है.

How is EVM Calculated

EVM के पुराने मॉडल में 3840 वोट्स को स्टोर किया जा सकता था, लेकिन नए वर्जन में सिर्फ 2000 वोट्स ही स्टोर होते हैं. EVM में स्टोर डेटा 10 साल या इससे ज्यादा वक्त तक सुरक्षित रखा जा सकता है. EVM की एक यूनिट की कॉस्ट लगभग 8,670 रुपये होती है. पहले ये कीमत और भी कम थी.

VIEW ALL

Read Next Story