रेप का साक्ष्य मिटाने के लिए दारोगा ने जलवा दिए थे शव, जांच के बाद पूरे मामले का हुआ पर्दाफाश
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रेप का साक्ष्य मिटाने के लिए दारोगा ने जलवा दिए थे शव, जांच के बाद पूरे मामले का हुआ पर्दाफाश

थाना अध्यक्ष रमेश नाम के शख्स को रात में ही लकड़ी भेजकर शव को जला देने की मशवरा देते दिखे. थानाध्यक्ष के मशवरे के बाद आधी रात को ही मासूम बच्ची को जलाया गया. लकड़ी कम पड़ा तो गैलन से मिट्टी का तेल छिड़ककर बच्ची को जलाया गया.

रेप का साक्ष्य मिटाने के लिए दारोगा ने जलवा दिए थे शव, जांच के बाद पूरे मामले का हुआ पर्दाफाश.

Motihari: बिहार के मोतिहारी के कुण्डवाचैनपुर बाजार में एक बच्ची के साथ गैंगरेप के बाद आधी रात में शव को जला देने के मामले में तत्कालीन थानाध्यक्ष अप्राथमिक अभियुक्त बनाए गए हैं. एसपी ने तत्कालीन थानाध्यक्ष संजीव रंजन को अप्राथमिक अभियुक्त बनाते हुए उनके खिलाफ वारंट लेने या गिरफ्तारी नहीं होने पर कुर्की जब्ती करने का आदेश निर्गत किया है.

मामला मोतिहारी के कुंडवा चैनपुर थाना क्षेत्र के बाजार का है जहां पर सियाराम साह के घर में नेपाली परिवार किराये पर रहता था. परिवार का मुखिया कुंडवा चैनपुर बाजार में गार्ड का काम करता था. घटना के दिन 21 जनवरी को घर मे गार्ड की नाबालिग बेटी अकेली थी जिसका फायदा उठाकर आरोप है कि बच्ची के साथ गैंगरेप करने के बाद गला दबाकर उसकी हत्या कर दी गई थी. 

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हत्या के बाद शव को जलाने का मशवरा देते थानाध्यक्ष संजीव रंजन का ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें तत्कालीन थाना अध्यक्ष रमेश नाम के शख्स को रात में ही लकड़ी भेजकर शव को जला देने की मशवरा देते दिखे. थानाध्यक्ष के मशवरे के बाद आधी रात को ही मासूम बच्ची को जलाया गया. लकड़ी कम पड़ा तो गैलन से मिट्टी का तेल छिड़ककर बच्ची को जलाया गया.

सवाल यह है कि क्या कोई सभ्य समाज मे ऐसी दरिन्दगी की कल्पना कर सकता है? जैसी दरिंदगी कुण्डवाचैनपुर में हुआ. हैवानियत की सारी हदें पर करने वाली घटना के बाद मोतिहारी के एसपी नवीनचंद्र झा फिर पटना से आई CID की टीम ने बारी-बारी से घटनास्थल का जायजा लिया था. घटना वाले कमरे से लेकर जलाने वाले जगह पर जाकर पुलिस ने साक्ष्य जुटाए. एफएसएल (FSL) की टीम ने भी खून का नमूना लिया.

आज मोतिहारी के एसपी कार्यालय में जाकर हैवानियत की शिकार बनी मासूम बच्ची के माता-पिता और भाई ने एसपी को पूरी घटना बताई.

घटना दरिन्दगी की सभी हदें पार करने वाली थी. लिहाजा दो तारीख को एफआईआर (FIR) दर्ज हुआ और आठ दिनों में पुलिस ने अनुसंधान पूर्ण करते हुए सभी अभियुक्तों के खिलाफ कोर्ट से वारण्ट (Warrant) जारी कर दिया है. काण्ड में 11 लोगों को आरोपी बनाया गया था जिसमें मकान मालिक सियाराम साह और उसके बेटे को गिरफ्तार कर पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है.

दरिंदगी वाली घटना में दोषी बने लोगों के परिजनों ने एसपी से अपने रिश्तेदारों के निर्दोष होने की गुहार लगाई थी. एसपी ने पूरे घटना को सत्य मानते हुए कार्रवाई का लिखित आदेश दे दिया है.

अपने परिवार के भरण पोषण के लिए नेपाल से भारत आए परिवार की बेटी के साथ हुई दरिन्दगी के बाद हत्या जैसी जघन्य घटना से ईलाके का हर कोई आहत है. दोषियों पर स्पीडी ट्रायल चलकर सजा दिलवाने की बात कर रहे हैं ताकि फिर किसी मासूम के साथ कोई दरिन्दगी ना करे.
इनपुट:- पंकज