Ranchi News: राज्य सरकार के द्वारा एंबुलेंस के रेट तय किए जाने के बावजूद भी लगातार शिकायतें मिल रही है कि एंबुलेंस चालकों के द्वारा मनमाना चार्ज वसूला जा रहा है. लेकिन ऐसे में रांची के बिशु दा ने अपने ओमनी कार को मरीजों के नाम समर्पित कर दिया है.
Trending Photos
Ranchi: कोरोना संक्रमण के दौर में अपने भी अपनों का साथ छोड़ कर अपनो से मुंह मोड़ रहे हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो इस आपदा में भी मरीजों के दुख में उनका दर्द बांट रहे हैं. ऐसे ही हैं रांची के रहने वाले 'बीशु दा. इन्होंने लोगों की मदद पहुंचाने के लिए अपने ही कार्य को ही एंबुलेंस बना दिया है जिससे संक्रमित मरीजों को निशुल्क अस्पताल तक पहुंचाते हैं. वहीं, जिन मरीजों के इलाज के दौरान मौत हो जाती है उन्हें अंतिम संस्कार के लिए भी मुफ्त में पहुंचाते हैं.
जानकारी के अनुसार, एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण के बीच कुछ लोग आपदा को अवसर में बदल रहे हैं. खासकर एंबुलेंस चालक मनमाना रेट वसूल रहे हैं. यहां तक कि राज्य सरकार के द्वारा एंबुलेंस के रेट तय किए जाने के बावजूद भी लगातार शिकायतें मिल रही है कि एंबुलेंस चालकों के द्वारा मनमाना चार्ज वसूला जा रहा है. लेकिन ऐसे में रांची के बिशु दा ने अपने ओमनी कार को मरीजों के नाम समर्पित कर दिया है.उन्हें इस काम को करने से काफी सुकून महसूस होता है.
ये भी पढ़ें-Jharkhand: कोरोना में ना रूके बच्चों की पढ़ाई, सरकार ला रही है Digital Content और सिलेबस
जिले के थड़पकना के रहने वाले 35 वर्षीय 'बीशु दा' नामक व्यक्ति को इस काम की प्रेरणा उस वक्त मिली जब कोरोना संक्रमण के पहले दौर में उनके एक दोस्त की तबियत बिगड़ गई थी. लेकिन लाख कोशिश करने के बाद काफी लोगों से मदद मांगने के बाद भी उन्हें मदद नहीं मिली. उनके दोस्त को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. इसी बात ने भी बीशु दा के मन में एक प्रेरणा डाल दिया कि साधन रहने के बावजूद भी लोगों की मदद नहीं कर पाते हैं.
ऐसे में बीशु दा के पास एक ओमनी कार था. जिसे उन्होंने एंबुलेंस बना दिया और आज 200 से अधिक लोगों को अस्पताल तक पहुंचाकर लोगों की जान बचाई है. साथ ही जिन लोगों की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो जाती है, उन्हें श्मशान घाट तक निशुल्क पहुंचाने का काम निरंतर कर रहे हैं.
ऐसे में कहा जा सकता है कि इंसानियत अभी भी जिंदा है अपनी जान की बाजी लगाकर दूसरे की जान को बचाया जा रहा है.