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पटना: बिहार में इन दिनों सियासत चरम पर है. एक तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे देश में घूम-घूमकर विपक्षी एकता की अलख जगाने की कोशिश कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा की तरफ से नीतीश के इस प्रयास पर जमकर निशाना भी साधा जा रहा है. नीतीश कुमार के विपक्षी एकता के प्रयास पर भाजपा की तरफ से कहा जा रहा है कि बिहार के विकास की बात को छोड़कर नीतीश विपक्षी एकता की मुहिम में व्यस्त हैं. ऐसे में भाजपा की तरफ से बिहार में अपनी जमीन मजबूत करने के लिए एक बड़े कार्यक्रम के आयोजन की घोषणा की गई है.
बता दें कि बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने इसको लेकर कहा कि बीजेपी का बड़ा कार्यक्रम होने जा रहा, 30 मई से 30 जून तक इसके तहत महासंपर्क अभियान चलाया जाएगा. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बिहार आएंगे इसकी संभावना है. सम्राट चौधरी ने आगे कहा कि हम लोगों ने उनसे आग्रह किया है की वह इस महासंपर्क अभियान में बिहार आएं.
वहीं दिल्ली में विपक्षी एकता की मुहिम के तहत सीएम नीतीश और सीएम केजरीवाल की मुलाकात पर सम्राट चौधरी ने कटाक्ष करते हुए कहा अब वो किसी से भी मिले क्या फर्क पड़ता है, जब वो स्वयं को पीएम घोषित कर चुके हैं तो इसके बाद तो कोई चर्चा करना बेकार है. प्रदेश की जनता की जरूरत नीतीश बाबू को है ही नहीं. इससे पहले विपक्षी एकता को लेकर नीतीश कुमार की भूमिका पर भी उन्होंने प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया था.
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उन्होंने नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि बिहार में ही उनका कोई रोल नहीं है तो देश की राजनीति में उनको कौन स्वीकार करेगा. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार तो केवल जेट प्लेन का मजा ले रहे हैं. वह प्रदेश की जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग कर रहे हैं.
वहीं जेडीयू नेता अमित माधव द्वारा मानहानी का मुकदमा दर्ज कराने को लेकर उन्होंने कहा उसी थाने में वो बंद होकर गया था शराब पीकर, मैंने तो साफ कहा है की नीतीश कुमार ने ही बिहार के लोगों को शराबी बनाने का काम किया है.