Mission 2024: पटना में जल्द होगी विपक्ष दलों की बैठक, BJP को हराने का प्लान रखेंगे CM नीतीश
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Mission 2024: पटना में जल्द होगी विपक्ष दलों की बैठक, BJP को हराने का प्लान रखेंगे CM नीतीश

मोदी के खिलाफ पूरे विपक्ष को एकजुट करने के लिए नीतीश कुमार खूब पसीना बहा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, जल्द ही पटना में विपक्ष की बैठक का आयोजन किया जाएगा.

पटना में जल्द होगी विपक्ष दलों की बैठक (File Photo)

Bihar Politics: देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं इसके लिए सभी दल अभी से अपनी-अपनी रणनीति तैयार करने में जुटे हैं. बीजेपी की ओर से एक बार फिर से पीएम मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा. तो वहीं विपक्ष की ओर से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वघोषित उम्मीदवार के तौर पर आगे बढ़ रहे हैं. मोदी के खिलाफ पूरे विपक्ष को एकजुट करने के लिए नीतीश कुमार खूब पसीना बहा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, जल्द ही पटना में विपक्ष की बैठक का आयोजन किया जाएगा.

हालांकि, अभी इसकी तारीख घोषित नहीं की गई है. इस बैठक में कांग्रेस की ओर से पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी भी शामिल हो सकते हैं. बैठक में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, नेशनल कान्फ्रेंस सुप्रीमो फारुख अब्दुल्ला, पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती भी शामिल हो सकती हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के आने की उम्मीद है. बैठक में नीतीश कुमार विपक्षी नेताओं के आगे बीजेपी को हराने का प्लान रखेंगे. 

विपक्षी एकता के सूत्रधार

बता दें कि बीजेपी से अलग होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता के सूत्रधार बनकर उभरे हैं. कहा जा रहा है कि उन्होंने ममता, केजरीवाल और अखिलेश यादव को भी मना लिया है. हाल ही में वो दिल्ली दौरे पर गए थे, तब उन्होंने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी और दिल्ली अध्यादेश पर विपक्ष से आम आदमी पार्टी का साथ देने की अपील की थी. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे और राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी. 

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नीतीश की राह के रोड़े

कर्नाटक में जीत के बाद कांग्रेस के सुर बदल चुके हैं. अब दिल्ली के कांग्रेसी नेता केजरीवाल का समर्थन नहीं करने की अपील कर रहे हैं. उधर ममता और अखिलेश यादव के भी सुर बदले हैं. कर्नाटक में कांग्रेस को जीत इसलिए मिली कि जेडीएस का वोट बैंक का बड़ा हिस्सा कांग्रेस के पास चला गया था. अब क्षेत्रीय दलों को यह चिंता सता रही है कि कर्नाटक की तरह कांग्रेस अन्य राज्यों में भी मजबूत हो गई तो उन्हीं को नुकसान होने वाला है. दूसरी ओर ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, आंध्र प्रदेश के सीएम जगम मोहन रेड्डी ने गठबंधन से साफ इनकार कर दिया तो वहीं तेलंगाना के सीएम केसीआर का रुख भी स्पष्ट नहीं है. 

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