Hemant Soren: भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने झारखंड चुनाव को लीड किया था और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के मार्गदर्शन में लक्ष्मीकांत बाजपेयी की रणनीति के साथ चुनाव मैदान में पार्टी उतरी थी. इसके अलावा, भाजपा के पास योगी आदित्यनाथ के बंटेंगे तो कटेंगे नारे का भी साथ था. फिर भी भाजपा यहां हारती दिख रही है.
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Hemant Soren Jharkhand Election 2024: झारखंड विधानसभा के शुरुआती रुझानों में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने एनडीए पर बड़ी बढ़त हासिल कर ली है, वहीं भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को महज 29 सीटों पर बढ़त होती दिख रही है. इस तरह हेमंत सोरेन की फिर से सत्ता में वापसी होती दिख रही है. अगर ऐसा होता है तो यह भाजपा के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है. भाजपा ने झारखंड चुनाव जीतने के लिए असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को मैदान में रणनीतिकार के रूप में उतार रखा था. वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बंटेंगे तो कटेंगे और पीएम मोदी के एक हैं तो सेफ हैं के नारे का भी साथ नहीं मिला.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा तो लोकसभा चुनाव के बाद से ही झारखंड पर फोकस बनाए हुए थे. वे लगभग रोजाना असम से झारखंड का सफर तय कर आते थे और हेमंत सोरेन पर हमला बोलते थे. वे असम की तरह झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा लगातार उठा रहे थे और इसके लिए हेमंत सोरेन की सरकार पर हल्ला बोल रहे थे. उन्होंने आदिवासी बेटियों का भी मसला उठाया और यह कहा कि बांग्लादेशी आदिवासी बेटियों को बरगलाकर शादी कर रहे हैं और बांग्लादेशी जमीन हड़प रहे हैं.
हेमंत सोरेन झारखंड चुनाव में मुसलमानों से जुड़े मसले को लगातार उठा रहे थे. उनकी बातों को लेकर कई बार हेमंत सोरेन का खेमा डिफेंसिव हो उठता था और कई बार खुलकर मुसलमानों हिमायत की जाती रही. इसके उलट महागठबंधन ने मुसलमानों के वोटबैंक को एकजुट रखते हुए मईयां सम्मान योजना और हेमंत सोरेन के जेल जाने का मसला उठाया और यह हिट भी रहा.
दूसरे चरण की वोटिंग के दिन शाम को अचानक महिलाओं के वोटिंग प्रतिशत में जबर्दस्त उछाल देखा गया और माना जा रहा है कि मईयां सम्मान योजना के पक्ष में महिलाओं की लामबंदी हुई और महागठबंधन को जो आज वोट मिलते दिख रहे हैं, वो इसी का नतीजा है.