जिन भक्तों को बाबा के दर्शन नहीं मिले उन्हें निराश होने की कतई जरूरत नहीं क्योंकि बाबा ने वापस आने की तारीख की भी घोषणा कर दी है. वो सितंबर में एक बार फिर से बिहार वापस आएंगे.
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Dhirendra Shastri Political Effect: बिहार की राजधानी पटना के नौबतपुर में बागेश्वर महाराज पंडित धीरेंद्र शास्त्री की हनुमत कथा का समापन हो गया है. बाबा के कार्यक्रम में हर रोज लाखों की भीड़ पहुंची, उसके भी लाखों श्रद्धालुओं को बाबा के दर्शन नहीं हो सके. जिन भक्तों को बाबा के दर्शन नहीं मिले उन्हें निराश होने की कतई जरूरत नहीं क्योंकि बाबा ने वापस आने की तारीख की भी घोषणा कर दी है. वो सितंबर में एक बार फिर से बिहार वापस आएंगे, तबतक वो बिहार के राजनीतिक दलों को कुछ होमवर्क देकर जा रहे हैं.
दरअसल, लालू यादव की पार्टी राजद के कड़े विरोध के बाद भी बाबा का कार्यक्रम सफल रहा. तेज प्रताप यादव सहित तमाम राजद नेताओं की धमकियों के बावजूद बाबा ने बिहार में हिंदू राष्ट्र वाला सिगूफा छोड़ ही दिया. बाबा ने मंगलवार (16 मई) को कहा कि उनका हिंदू राष्ट्र वाला संकल्प बिहार से पूरा होता दिख रहा है. उनके इस बयान पर राजनीति शुरू हो चुकी है. बाबा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कहा कि ये संभव नहीं हो सकता है. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि कोई ऐसा कैसे बोलता है. क्या देश का नाम बदल दीजिएगा.
सीएम नीतीश ने कहा कि यहां सभी धर्मों के लोगों को अपनी पद्धति से पूजा करने का अधिकार है. धर्म के बीच में इंटरफेयर नहीं करना चाहिए. जितने भी धर्म के लोग मानने वाले हैं उनकी इज्जत है. दूसरे धर्म के बीच में इंटरफेयर नहीं करना चाहिए. यहां किसी भी धर्म को मानिए, जो भी अपने धर्म की पूजा जैसे करें उसको कोई रुकावट नहीं है. नीतीश ने कहा कि यह कभी संभव नहीं है. सबको अपने ढंग से पूजा करने का अधिकार है. किसी तरह का विवाद नहीं होना चाहिए. देश के संविधान का उल्लंघन नहीं करना चाहिए.
सीएम के इस बयान पर बीजेपी के फायरब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पलटवार किया है. गिरिराज ने पूछा कि हिंदू राष्ट्र की बात यदि भारत में नहीं की जाएगी तो क्या पाकिस्तान या सीरिया में की जाएगी. बाबा के कार्यक्रम में सीएम और डिप्टी सीएम के नहीं जाने पर भी बीजेपी नेता ने हमला किया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दिन रात काम करते रहते हैं. केवल इनको इफ्तार में समय मिल जाता है. उसमें भी वह काम ही करते रहते हैं. वोट बैंक की राजनीति करने वाले लोग है. ये सनातन में तो जात पात कर ही लेंगे काम चल जाएगा, लेकिन उधर तो पक्का टोपी पहननी ही पड़ेगी. इफ्तार में जाना पड़ेगा तब ही वोट मिलेगा.
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ये बात तो साफ है कि बाबा ने वापस जाने के बाद भी बिहार की राजनीतिक गलियारों में हिंदू राष्ट्र वाला बयान गूंजता रहेगा. पक्ष-विपक्ष दोनों सितंबर तक इसी बयान पर नूराकुश्ती करते हुए दिखाई देंगे. बाबा ने अभी जो बीज बोया है, सितंबर तक बीजेपी उसे खाद-पानी देकर हरा-भरा पेड़ तैयार करने की कोशिश करेगी और 2024 में इस पेड़ से फल भी लेने की कोशिश करेगी.