उन्होंने कहा कि उन मजदूरों के लिए क्या है जो चप्पल की बजाए पांव में बिस्लेरी की बोतल बांधकर चलता है, उसके लिए क्या है. उसी का सबको इंतजार था.
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दिल्ली/पटना: पीएम मोदी के देश के नाम संबोधन के बाद आरजेडी नेता व राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि पीएम मोदी ने आत्मनिर्भरता को लेकर काफी अच्छी बातें कहीं, लेकिन इसका ब्लूप्रिंट कहां है.
उन्होंने कहा कि पीएम ने कहा कि आपदा को अवसर में बदलना चाहिए लेकिन इस पूरे पैकेज का रोडमैप कहां है. ये जनता जानना चाहती है. मजदूर वर्ग के लिए क्या है. ये जो 20 लाख करोड़ आप बता रहे हैं, उसमें प्रवासी मजदूरों के लिए किस रूप में खर्चा जाएगा. इसको साफ-साफ बताना चाहिए.
राज्यसभा सांसद ने कहा कि इस महामारी के लड़ने के दौरान हमने कई चीजें देखी हैं. दो तरह का हिंदुस्तान है एक है इंडिया और एक है भारत. इंडिया के बारे में बहुत सी बातें होती हैं और होनी भी चाहिए लेकिन भारत के बारे में इस राहत पैकेज में क्या है.
उन्होंने कहा कि उन मजदूरों के लिए क्या है जो चप्पल की बजाए पांव में बिस्लेरी की बोतल बांधकर चलता है, उसके लिए क्या है. उसी का सबको इंतजार था.
मनोज झा ने कहा कि लॉकडाउन के बाद जो इस राहत पैकेज का ऐलान किया गया है, उसमें भारत को कुछ नहीं मिला जो मजदूरों का है और प्रवासियों का है. उन्होंने कहा कि पीएम से इसकी उम्मीद थी कि जीविका और जीवन के बीच में जो रास्ता निकले, उस रास्ते में हम आगे बढ़ सकें.
आरजेडी नेता ने कहा कि पीएम का यह मैसेज देश के 70 फीसदी लोग जो मजदूर तबके के हैं, जिनके पास सुविधाएं नहीं है, उनके हित में तो नहीं लगा. उम्मीद है आगे उनके लिए कुछ होगा.