PM आवास योजना का हो रहा बंदरबाट, किसी को मिले 2 तो 'किसी के हाथ आया और मुंह न लगा' जैसा हाल
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PM आवास योजना का हो रहा बंदरबाट, किसी को मिले 2 तो 'किसी के हाथ आया और मुंह न लगा' जैसा हाल

यानी पश्चिमी चम्पारण जिले में औसतन 500 परिवार अब भी योजना की राशि का इंतेजार कर रहे हैं. वैसे भी इस योजना में बंदरबांट की कहानी किसी से छिपी नहीं है. 

PM आवास योजना का हो रहा बंदरबाट, किसी को मिले 2 तो 'किसी के हाथ आया और मुंह न लगा' जैसा हाल.

इमरान अजीज/बगहा: पश्चिमी चंपारण जिले के ठकराहा प्रखण्ड में ऐसे कई मामले प्रकाश में आए हैं जहां एक ही व्यक्ति बिहार का भी वोटर है और यूपी का भी. यूपी में भी राशन उठाता है और बिहार में भी. इतना ही नहीं यूपी में पीएम आवास योजना से भी अपना घर बना लिया है और बिहार में भी. अब जैसे ही यह मामला उजागर हुआ है वैसे ही ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने आलाधिकारियों से शिकायत कर जांच की मांग की है.

केंद्र की अतिमहत्वाकांक्षी आवास योजना जिला के कई क्षेत्रों में बेपटरी होती दिख रही है. कारण कि जिले के कई प्रखंडों से ऐसी भी शिकायतें आई हैं कि बहुमंजिली इमारत वालों को भी कई जगह इस योजना का लाभ मिला हुआ है. कई जगह आवास योजना का लाभ देने के लिए नजराना मांगा जाता है. जबकि जिला प्रशासन 75 फीसदी जरूरतमंदों को इसका लाभ देने का दावा करता है. 

जबकि ठीक इसके विपरीत जिला में आवास के लिए राशि का जो आवंटन करना था, उसमें सर्वाधिक 1162 लाभुक मझवलिया में हैं, जिनके खाते में योजना की राशि नही भेजी जा सकी है. ऐसे ही हालात अन्य प्रखंडों के भी हैं जहां अक्टूबर माह तक बैरिया प्रखण्ड में 751, बगहा एक में 716, मधुबनी में 703, सिकटा में 657, मैनाटाड में 529, नौतन में 494, चनपटिया में 273, योगापट्टी में 238, लौरिया में 236 तथा नरकटियागंज में 111 लाभुकों के खाते में अब तक आवास योजना की राशि नहीं भेजी जा सकी है. 

यानी पश्चिमी चम्पारण जिले में औसतन 500 परिवार अब भी योजना की राशि का इंतेजार कर रहे हैं. वैसे भी इस योजना में बंदरबांट की कहानी किसी से छिपी नहीं है. 

हालांकि, इस मुद्दे पर जब आवास पर्यवेक्षक से पूछा गया तो उन्होंने जांच करवाने की बात कही है. जबकि आवास पर्यवेक्षक विकास कुमार के ही अनुसार 2019-2020 मे कुल ग्यारह सौ लोगों को आवास मुहैया कराने का लक्षय प्राप्त था. जानकारी के अनुसार धुमनगर जगीरहा ठकराहा पंचायत से तीन सौ से अधिक लोगों को आवास योजना का लाभ दिया गया है जो यूपी में भी वोटर हैं. 

जबकि श्रीनगर मोतीपुर पंचायत के वैसे लगभग 20 लोगों को लाभ दिया गया जिनका आवास बैरिया व जोगापट्टी में भी है और वे वहा के भी मतदाता हैं.

ऐसे में कहने में कोई अतिश्योक्ति नही होगी कि यह महत्वाकांक्षी योजना ज़िले में कामधेनु गाय बनकर रह गई है और जरूरतमंद आज भी इस योजना का लाभ लेने के लिए दफ्तरों और सरकारी मुलाजीमों के पास चक्कर काट रहे योजना के लाभ के इंतज़ार में हैं.