जर्नल सर्कुलेशन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के आधार पर बता दें कि जब हार्ट अटैक आता है तो उसकी दस्तक एक महीने पहले ही महसूस होने लगती है. कई लक्षण है आम तोर पर दिखने लगते है लेकिन लोग है कि उन लक्षणों को नजर अंदाज कर देते है. यहीं कारण है कि बीमारी बढ़ने लगती है और लोगों की मौत हो जाती है.
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पटना: हार्ट अटैक की समस्या लोगों में आम हो गई है. बड़े तो क्या छोटे बच्चों की भी अटैक से मौत हो जा रही है. पिछले कुछ सालों में अटैक का ग्राफ दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. डॉक्टरों की माने तो अटैक पड़ने की शुरुआत अक्सर एक झटके के साथ होती है. जब अटैक आता है तो उसके लक्षण भी पहले दिखने लगते है, लेकिन लोग इस पर ध्यान नहीं देते हैं. साथ ही कहा कि हाल ही में 500 से अधिक महिलाओं के पर रिसर्च हुई है. रिसर्च में पाया गया है कि हार्ट अटैक आने से करीब एक महीने पहले से ही शरीर वार्निंग साइन देने लगता है.
अटैक आने से पहले ही दिखने लगते है लक्षण
जर्नल सर्कुलेशन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के आधार पर बता दें कि जब हार्ट अटैक आता है तो उसकी दस्तक एक महीने पहले ही महसूस होने लगती है. कई लक्षण है आम तोर पर दिखने लगते है लेकिन लोग है कि उन लक्षणों को नजर अंदाज कर देते है. यहीं कारण है कि बीमारी बढ़ने लगती है और लोगों की मौत हो जाती है. साथ ही बता दें कि रिसर्च में 500 से अधिक महिलाओं को शामिल किया गया था जो दिल का दौरा पड़ने से बच गई थीं. जानकारी के लिए बता दें कि 95 प्रतिशत लोगों के दिल के दौरे से एक महीने पहले से ही शरीर में कुछ लक्षण दिखाई दे रहें थे. इसमें से करीब 71 प्रतिशत ने थकान को एक सामान्य लक्षण बताया था. इसके अलावा 48 प्रतिशत को नींद से संबंधित समस्याएं हुई. साथ ही कुछ महिलाओं ने सीने में दर्द, छाती में दबाव, दर्द या जकड़न का अनुभव करने की भी बात कहीं. अगर सही समय पर ऐसे ही लक्षणों की पहचान हो जाए तो देश भर में अटैक के मामलों को कम किया जा सकता है. अगल लोगों इन सब से सबंधित लक्षण दिखे तो वो सीधे डॉक्टर से सलाह लें.
हार्ट अटैक की ये है वजह
चिंता, थकानदृष्टि परिवर्तन, भूख में कमी, नींद की दिक्कत, हाथ में कमजोरी/भारी, खट्टी डकार,सोच या याददाश्त में बदलाव, दिल की धड़कन तेज होना, हाई बीपी, डायबिटीज, हाई फैट डाइट, मोटापा, हाथ पैर में झुनझुनी, रात में सांस लेने में कठिनाई आदि हार्ट अटैक के लक्षण है. अगर किसी को यह सब लक्षण महसूस होते है तो वो सीधे डॉक्टर से सलाह लेकर इलाज करवाएं.
इन आदतों से बनाएं दूरी
बता दें कि हार्ट को सुरक्षित रखने के लिए एक स्वस्थ, संतुलित आहार लें और प्रोसेस्ड व शुगर वाले पदार्थों का सेवन कम करें. साथ ही अपने कोलेस्ट्रॉल , रक्तचाप और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करें. साथ ही बता दें कि अगर आप शराब पीने पीते है या फिर धूम्रपान करते है तो इसे धीरे-धीरे छोड़ दें या फिर उसे फिर से कम कर दें.
साथ ही बता दें कि अगर किसी को हार्ट अटैक के लक्षण है तो वो सीधे डॉक्टरों से मिले. इसके अलावा बता दें कि अगर किसी को दिल का दौरा पड़ता है, या फिर सांस लेने में दिक्कत साथ ही शरीर में रक्त के प्रवाह को बनाए रखने के लिए कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) शुरू करें. डॉक्टर्स बताते है कि अगर कार्डियक अरेस्ट के पहले कुछ मिनटों में सीपीआर किया जाए तो यह किसी व्यक्ति को बचाया जा सकता है.
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