Katarni Chura Bhagalpur: भागलपुर के कतरनी चूड़े के साथ मनेगी राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री की संक्रांति, बिहार भवन भेजा गया चूड़ा
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Katarni Chura Bhagalpur: भागलपुर के कतरनी चूड़े के साथ मनेगी राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री की संक्रांति, बिहार भवन भेजा गया चूड़ा

Katarni Chura Bhagalpur: कतरनी चूड़े को इस बार भी दिल्ली के गणमान्य लोगों के लिए भेजा गया है. जहां इसके साथ ही मकर संक्रांति मनेगी. भागलपुर जिला प्रशासन की ओर से कतरनी चूड़े को दिल्ली के बिहार भवन के लिए भेज दिया गया है.

Katarni Chura Bhagalpur: भागलपुर के कतरनी चूड़े के साथ मनेगी राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री की संक्रांति, बिहार भवन भेजा गया चूड़ा

पटनाः Katarni Chura Bhagalpur: मकर संक्रांति के पर्व को अब बस एक हफ्ता रह गया है. दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश में जो मकर संक्रांति है वह गोरखपुर से बिहार तक पहुंचते हुए खिचड़ी और फिर पटना तक आते-आते दही-चूड़ा हो जाता है. बात जब दही-चूड़े की आती है तो याद आता है भागलपुर और फिर जेहन में बस जाता है, केवल एक ही स्वाद.... भागलपुर का कतरनी चूड़ा.. इसके ऊपर रात भर हंडिया में संजोया गया शुद्ध गाय के दूध से बना दही पड़ जाए, इसमें गुड़ और चीनी मिल जाए तो वाह.. क्या कहने... भागलपुर का कतरनी चूड़ा इतना जहीन है कि मुंह में घुले इसके स्वाद के कायल देश ही नहीं विदेशों में भी बसते हैं. 

राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री को भी पसंद
हर बार की तरह कतरनी चूड़े को इस बार भी दिल्ली के गणमान्य लोगों के लिए भेजा गया है. जहां इसके साथ ही मकर संक्रांति मनेगी. भागलपुर जिला प्रशासन की ओर से कतरनी चूड़े को दिल्ली के बिहार भवन के लिए भेज दिया गया है. यहां राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व अन्य नेताओं को चूड़ा भेजा जाता है. यह सिलसिला बड़े ही हर्ष के साथ वर्षों से जारी है. इसे इस बार भी भेजा गया है. कृषि विभाग के निदेशक प्रभात कुमार की अगुवाई में 3 क्विंटल चूड़ा बिहार भवन के लिए गया है. पहली बार इसे जैविक विधि से तैयार किया गया है. 

कतरनी चूड़े को मिला है जीआई टैग 
आत्मा के उपनिदेशक प्रभात कुमार के मुताबिक, 'भागलपुर के कतरनी चूड़ा को जीआई टैग प्राप्त हुआ है. इस बार हम लोग तीन क्विंटल चूड़ा ले कर बिहार भवन जा रहे हैं. पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष मौसम की मार भी कतरनी को झेलनी पड़ी. मौसम ने भी उन्हें साथ नहीं दिया, जिस वजह से इस बार बुवाई अधिक नहीं हो सकी. कतरनी उत्पादन के लिए भागलपुर के जगदीशपुर, सुल्तानगंज, मुंगेर के तारापुर, बांका के रजौन, अमरपुर एवं जमुई के कुछ खास क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है. यहां पर अधिकतर किसान अलग-अलग कारणों से कतरनी की खेती करना छोड़ चुके हैं. जबकि, यहां पर कतरनी की खेती बेहतर हो सकती है. हालांकि साल 2018 में इसके लिए कृषि औद्योगिक उपाय किए गए हैं. भागलपुर से हर वर्ष मकर संक्रांति से पूर्व कतरनी चूड़ा बिहार भवन भेजा जाता है. सीएम नीतीश कुमार की ओर से भी चूड़ा और दही का भोज हर मकर संक्रांति के मौके पर दिया जाता है.

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