Basant Panchami Holika Dahan 2023: बसंत पंचमी का क्या है होलिका से संबंध, जानिए क्या है परंपरा
Advertisement

Basant Panchami Holika Dahan 2023: बसंत पंचमी का क्या है होलिका से संबंध, जानिए क्या है परंपरा

Basant Panchami Holika Dahan: बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा का दिन संसार में नवीनता का दिन माना जाता है. इस दिन से सम्मत गाड़ने की प्रक्रिया भी शुरू की जाती है. सम्मत गाड़ने से होली की तैयारी शुरू हो जाती है.

Basant Panchami Holika Dahan 2023: बसंत पंचमी का क्या है होलिका से संबंध, जानिए क्या है परंपरा

पटना: Basant Panchami Holika Dahan: बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा का दिन संसार में नवीनता का दिन माना जाता है. इस दिन से सम्मत गाड़ने की प्रक्रिया भी शुरू की जाती है. सम्मत गाड़ने से होली की तैयारी शुरू हो जाती है. होली और बसंत पंचमी का ये जुड़ाव प्राचीन काल से चला आ रहा है.

चालीस दिन पहले गड़ जाती है सम्मत

होलिका दहन से पहले होली बनाने की प्रक्रिया चालीस दिन पहले ही बसंत पंचमी के दिन शुरू हो जाती है. इस दिन गूलर वृक्ष की टहनी को गांव या मोहल्ले में या जिस जगह पर होली का दहन किया जाना होता है या किसी खुली जगह पर गाड़ दिया जाता है. इसे होली का डंडा गाड़ना भी कहते हैं.

ऐसे बनाई जाती है होली के लिए सम्मत

बसंत-पंचमी के दिन से ही होली की शुरुआत व निश्चित दहन स्थान में होलिका गाड़ने की भी परम्परा रही है. इसके लिए गोबर के उपले की मालाएं बनाई जाती हैं, जिन्हें होलिका में डालकर दहन किया जाता है. उपले की माला का पहला उपला आज ही के दिन बनाया जाता है. इससे घरों में होलिका की शुरुआत हो जाती है. इसके साथ ही आज के दिन शिवालयों में अबीर चढ़ाई जाती है. इसी अबीर गुलाल को प्रसाद के तौर पर रख लिया जाता है और फिर होली के दिन इससे ही होली खेली जाती है.

ये भी पढ़ें- Basant panchami 2023 maha Prasad: बसंत पंचमी पर ऐसे बनाएं मां सरस्वती का महाप्रसाद

Trending news