केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने गांव पहुंचकर मारे गए युवक के परिजनों से मुलाकात के बाद कहा कि ऐसी घटनाएं तभी होती हैं जब प्रशासन निष्क्रिय होता है.
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रांची: सिमडेगा जिले के कोलेबिरा थाना अंतर्गत बेसराजारा गांव में बीते 4 जनवरी को संजू प्रधान नामक युवक को जिंदा जला दिए जाने की घटना पर झारखंड बीजेपी राज्य सरकार पर लगातार हमलावर है. सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने जहां झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात कर मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की.
मंत्री ने परिजनों से की मुलाकात
वहीं केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) ने गांव पहुंचकर मारे गए युवक के परिजनों से मुलाकात के बाद कहा कि ऐसी घटनाएं तभी होती हैं जब प्रशासन निष्क्रिय होता है. केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने मारे गए गए युवक की पत्नी एवं परिजनों से मिलकर उन्हें न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया.
विगत 4 जनवरी को सिमडेगा जिला के कोलेबिरा थाना क्षेत्र के बेसराजरा बाजार के पास मॉब लिंचिंग में ग्रामीणों ने भाजपा कार्यकर्ता संजू प्रधान को जिंदा जला दिया था।आज मैं घटनास्थल जाकर स्व संजू प्रधान के परिजनों से मिला एवं घटना के संबंध में जिला के उपायुक्त, एस पी और डी एफ ओ से pic.twitter.com/47JY4O4Z0h
— Arjun Munda (@MundaArjun) January 10, 2022
उन्होंने सिमडेगा के डीसी और एसपी से भी घटना के बाबत बात की और उनसे कहा कि संजू के परिजनों को न्याय और सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएं.
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राज्यपाल से की CBI जांच की मांग
इधर सोमवार की शाम झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi), रघुवर दास (Raghubar Das), भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री और रांची की मेयर आशा लकड़ा सहित भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को मिलकर जो ज्ञापन सौंपा है, उसमें मामले की सीबीआई (CBI) जांच के साथ-साथ मारे गए युवक के परिजनों को 10 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग की गई है.
तुष्टिकरण की राजनीति कर रही झारखंड सरकार
राजभवन के बाहर बाबूलाल मरांडी ने मीडिया से कहा कि संजू प्रधान की जघन्य हत्या राज्य की गिरती कानून-व्यवस्था का उदाहरण है. यह क्रूरतम घटना है. उन्होंने कहा कि ठेठईटांगर और कोलेबिरा थाना पुलिस की उपस्थिति में संजू को घर से निकालकर बुरी तरह पीटा गया. सैकड़ों ग्रामीणों ने लकड़ी की चिता सजाकर उस पर संजू को जला दिया. पत्नी और मां पुलिस का पैर पकड़ कर हवाई फायरिंग करने और संजू की जान बचाने की अपील करती रहीं, पर पुलिस ने एक्शन ही नहीं लिया, उल्टे सादे कागज पर संजू के परिजनों से साइन करा लिया. गोमांस बिक्री, गो हत्या का विरोध करने की कीमत संजू को चुकानी पड़ी. इस मामले में स्थानीय प्रशासन की भूमिका संदिग्ध है. राज्य सरकार भी इस मामले में तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है.
(इनपुट-आईएएनएस)