लकड़ी काटने को मजबूर है Bill Gates की 'बेटी', एक दशक से 'विकास' का कर रही इंतजार
Advertisement

लकड़ी काटने को मजबूर है Bill Gates की 'बेटी', एक दशक से 'विकास' का कर रही इंतजार

Danapur: बता दें कि गांव के अधिकांश लोग निरक्षर है और यहां शिक्षा ना के बराबर है. नई पीढ़ी के लिए एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय और एक आंगनबाड़ी केंद्र है. 

 

एक साल की रानी को गोद मे लिए गेट्स दंपति.

Danapur: बिहार के दानापुर की जमसौत की रहने वाली रानी को अपने धर्म पिता बिल गेट्स (Bill Gates) का आज भी इंतेजार है. दस साल पहले बिल गेट्स और उनकी पत्नी मिलिंद गेट्स (Melinda Gates) ने रानी को अपने गोद में लेकर अपनी बेटी की तरह बताते हुए प्यार किया था. 

पटना जिला के दानापुर स्थित जामसौत मुसहरी गांव की बच्ची रानी गंदी बस्ती में फटे कपड़े पहने कुपोषित बच्चों के बीच खेल रही थी, रानी की हंसी में आज भी वही खनक है जो आज से दस साल पहले उसकी हंसी में हुआ करती थी. जब गेट्स दंपति दानापुर स्थित जामसौत मुसहरी गांव आए तो रानी को गोद में लेकर अपनी बेटी की तरह बताते हुए प्यार किया था और उसके गांव के विकास के लिए भी कई वादे किए थे पर आज तक वो वादे पूरे नहीं हो पाए.

ये भी पढ़े- ट्रैक्टर चलाकर विधानसभा पहुंचे तेजस्वी, कहा: पेट्रोल-डीजल दाम, 10वीं पेपर लीक पर सरकार को सांप सूंघ गया है

बेटी की तरह प्यार किया था

घर के दरवाजे पर अपनी मां कुंती देवी की गोद में बैठी हैं. 11 साल की बच्ची रानी जब एक साल की थी तब बिल गेट्स के भारत आए थे. उस वक्त रानी को अपनी गोद में लेकर गेट्स दंपति ने अपनी बेटी की तरह प्यार किया और अपनी बेटी का दर्जा दिया. रानी ने हंसते हुए बताया, 'हमें हमारे गांव में सात समंदर पार कर एक दंपत्ति ने मुझे अपनी बेटी के तरह अपनी गोद में बैठा कर प्यार किया था. हम पढ़ना चाहते हैं लेकिन पढ़ नहीं पाते क्योकिं मजबूरी है.' इसके आगे रानी को कुछ नहीं पता और वह सिर्फ मुस्कुराती है.

कोई भी गांव की सुध लेने नहीं आया
बता दें कि गांव के अधिकांश लोग निरक्षर है और यहां शिक्षा ना के बराबर है. नई पीढ़ी के लिए एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय और एक आंगनबाड़ी केंद्र है. गांव के लोग बताते हैं कि बिल गेट्स अपनी पत्नी के साथ हमारे गांव जमसौत आए थे और रानी कुमारी को बेटी माना था. उसे अपने गोद में बैठाकर प्यार भी किया था. गांव के विकास की बात भी की थी. लेकिन यहां से जाने के बाद आज तक ना तो बिल गेट्स आए ना ही उनकी संस्था के लोग ही इस गांव का कोई सुध लेने आए. इस गांव के लिए घोषणा तो बिल गेट्स ने बहुत की लेकिन, अभी तक कुछ नहीं हुआ.

जाने के बाद भूल गए वादे
दानापुर के जमसौत निवासी रानी कुमारी अब लगभग 11 साल की हो चुकी है. रानी की मां कुंती देवी को आज भी वह दिन याद है जब उनकी नन्ही सी बेटी रानी को गेट्स दंपति ने गोद लिया था और उन्हें अपनी बेटी की तरह बताते हुए प्यार किया था. कुंती देवी बताती है, 'अमेरिका से लोग हमारे घर पहुंचे थे और हमारी बच्ची रानी को गोद लिया वो क्या-क्या बोल रहे थे. हमें तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था और इसके बाद वह लोग आज तक हमारे यहां नहीं आए.' 

ये भी पढ़े- बिहार: स्वास्थ्य विभाग ने लॉन्च की कई योजनाएं, CM का दावा- इनके जरिए सेवा में होगा गुणात्मक सुधार

विकास के बादे भूले
वहीं, जमशेद के वार्ड पार्षद की माने तो दुनिया के सबसे अमीर आदमी बिल गेट्स आए थे और रानी को गोद लिए थे. उस समय हमारी आस जगी थी की हमारे गांव में भी शिक्षा की रौशनी आएगी. उन्होनें विकास, एजुकेशन, स्वास्थ्य और सड़क बनाने की बात कही थी पर आज वो बच्ची रानी लकड़ी काटने और चुनने जाती है तो बहुत दुख होता है. 

बता दें कि  2010 में बिल गेट्स फाउंडेशन (Bill Gates Foundation) और बिहार सरकार के बीच स्वास्थ्य सुधार के लिए एक समझौता हुआ था. इसी समझौता के दरमियान भारत आगमन पर बिल गेट्स दंपत्ति दानापुर के जमसौत पहुंचे थे और रानी कुमारी को अपनी बेटी बताते हुए उसे प्यार किया था.

(इनुपट-इश्तियाक खान)