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पटनाः बिहार में हाल ही में नीतीश सरकार की तरफ से शराबबंदी कानून में कई संशोधन किए गए हैं. यह संशोधन किन बातों को ध्यान में रखकर किए गए हैं इसके जवाब में आबकारी मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि यह जो शराबबंदी कानून में संशोधन हुआ है वह अनुभव के आधार पर हुआ है. सरकार और विभाग चाहती थी शराब माफियाओं की गिरफ्तारी पर फोकस कर सकें.
मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि कोर्ट पर इन मामलों के दबाव को कम करने के लिए स्पीडी ट्रायल चलाकर इन मामलों के निपटारे के लिए यह संशोधन हुआ है. अगले 2 महीने के बाद इस पूरे मामले को स्टडी कराकर विभाग को इससे क्या फायदे हुए हैं इसकी जानकारी देंगे.
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सुनील कुमार ने कहा कि इस संशोधन के क्या सकारात्मक पहलू होंगे वह हम लोग आने वाले समय में बताएंगे लेकिन हम लोगों ने स्टडी किया था कि जो लोग शराब पीकर थाने जाते हैं इस संशोधन के बाद उसमें लगभग 30 से 40 प्रतिशत की कमी आई है. व्यावहारिक कठिनाइयां जैसे कि वाहन जब्ती, मकानों की जब्ती इन सारे मामलों में भी काफी कमी आई है.
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सुनील कुमार ने बताया कि इसके लिए बनाए गए कंट्रोल रूम में प्रतिदिन मॉनिटरिंग होती है डेली आंकड़े आते हैं. इस संशोधन के बाद लोगों के ऊपर मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी पड़ा है.
आज आबकारी विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि यह संशोधन विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों की सहमति के बाद यह कानून बनाया गया था और जब यह कानून बना है तो इसका पालन सभी को करना है और जो भी कठिनाई है इस कानून में है उसको दूर करने के लिए हम लोग हैं.