Shani Grah Gochar: कर्म और न्याय प्रिय शनि देव अपनी ही राशि मकर से निकलकर अपनी दूसरी स्वराशि कुंभ में शुक्रवार 29 अप्रैल 2022 को सुबह 09 बजकर 57 मिनट पर प्रवेश कर गए हैं. यहां से वे प्रत्येक राशि को अपनी स्थिति अनुसार अपना प्रभाव देना प्रारंभ करेंगे.
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पटनाः Shani Grah Gochar: ग्रहों के गोचर का हमारे जीवन पर बहुत असर पड़ता है. जब बात शनिदेव और शनिग्रह के गोचर की हो, तो इसे जानने में दिलचस्पी और बढ़ जाती है. ज्योतिष विधा की मानें तो शुक्रवार 29 अप्रैल को शनिदेव का गोचर हुआ है. यह गोचर दो मायनों में खास है. पहला ये कि शनि देव ढाई साल बाद मकर राशि को निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश कर चुके हैं. कुंभ राशि शनि देव की प्रिय राशि है. दूसरा पहलू देखें तो शनि देव ने अपनी प्रिय कुंभ राशि में 30 साल बाद वापसी की है. शनि का ये राशि परिवर्तन सभी राशियों को प्रभावित करने जा रहा है.
स्वराशि कुंभ में गए शनिदेव
कर्म और न्याय प्रिय शनि देव अपनी ही राशि मकर से निकलकर अपनी दूसरी स्वराशि कुंभ में शुक्रवार 29 अप्रैल 2022 को सुबह 09 बजकर 57 मिनट पर प्रवेश कर गए हैं. यहां से वे प्रत्येक राशि को अपनी स्थिति अनुसार अपना प्रभाव देना प्रारंभ करेंगे. ऐसे में इस गोचरकाल के दौरान हर राशि तो प्रभावित होगी ही, साथ ही इस गोचर का प्रभाव देश और दुनिया में भी कई बड़े बदलाव लेकर आएगा. शनि ग्रह को मकर और कुंभ राशि का स्वामी माना जाता है. शनि गोचर के अनुसार बीते वर्ष 2021 में 11 अक्टूबर को शनि मकर राशि में मार्गी हुए थे और अब वे 30 साल बाद वर्ष 2022 में 29 अप्रैल के दिन अपना राशि परिवर्तन कुंभ राशि में कर रहे हैं.
मंगल और शनि ग्रह की हुई युति
29 अप्रैल को शनि का कुंभ राशि में गोचर हुआ, तो यहां उनकी मुलाकात मंगल ग्रह से हुई. कुंभ राशि में मंगल ग्रह पहले से मौजूद हैं. इस मिलन को शनि-मंगल युति कहते हैं. ये युति ज्योतिष के अनुसार शुभ फल नहीं देती है. शनि व लाल ग्रह मंगल दोनों ही ग्रहों को पाप ग्रह माना गया हैं. दोनों में शत्रुता का भाव होता है. ऐसे में इस युति से करियर में संघर्ष, अस्थिरता की स्थिति आ सकती है.
ये होगा इसका असर
मंगल-शनि की युति युद्ध, विवाद, तनाव और दुर्घटना आदि का कारण बनती है. इसके चलते ही देशभर में जल, अकाल, अनाज की कमी हो सकती है. देश के कई हिस्सों में हिंसक व अग्निकांड से जान-मान का नुकसान संभव है. देशभर में महंगाई के कारण लोगों में क्रोध व असंतोष भी दिखाई देगा. शनि अपना राशि परिवर्तन करने से कुछ समय पहले से ही देश-दुनिया में अपना प्रभाव दिखाना शुरु कर देते हैं. रूस-यूक्रेन में हो रहा युद्ध इसके उदाहरण के तौर पर देखा जा सकता है.
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