Flood: कुशेश्वरस्थान पर बाढ़ ने दी दस्तक, आशियाना छोड़ने को मजबूर हुए लोग
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Flood: कुशेश्वरस्थान पर बाढ़ ने दी दस्तक, आशियाना छोड़ने को मजबूर हुए लोग

दरभंगा जिले में बाढ़ ने दस्तक दे दी है. कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड की सुधराइन पंचायत में बाढ़ के कारण लोगों के घर डूब गए हैं. जिसके कारण लोग अपने घरों को छोड़ने को मजबूर हैं.

(फाइल फोटो)

Darbhanga: बिहार में हर साल बाढ़ के कारण हजारों लोग बेघर हो जाते हैं. लोगों को अपना आशियाना छोड़ना पड़ता है. इस बार भी बाढ़ के कारण लोगों का बुरा हाल है. दरभंगा जिले में बाढ़ ने दस्तक दे दी है. कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड की सुधराइन पंचायत में बाढ़ के कारण लोगों के घर डूब गए हैं. 

तटबंध पर जिंदगी जीने को मजबूर
दरअसल, दरभंगा के कुशेश्वरस्थान पर बाढ़ ने दस्तक दे दी है. जिसके कारण लोग अपने घरों को छोड़ने को मजबूर हैं. बाढ़ के कारण ग्रामीण अपने बच्चों और माल मवेशियों के साथ कमला बलान नदी के तटबंध पर शरण लेकर रह रहे हैं. इस प्रकार से लगभग 100 परिवार हैं, जो कि डर के साये में तटबंध पर जिंदगी जी रहे हैं. अभी तक जिला प्रशासन के द्वारा इन लोगों तक किसी प्रकार की राहत नहीं पहुंचाई गई है. लोगों को खाने पीने की दिक्कतें हो रही है. वहीं, मवेशियों के लिए चारे की भी समस्या हो रही है. जानकारी के मुताबिक यह लोग 6 महीने अपने घर और 6 महीने इसी बांध पर जिंदगी बीताने को मजबूर है. 

तटबंध पर नहीं है किसी प्रकार की व्यवस्था
बांध पर शरण लिए लोगों का कहना है कि उनके पास एक बीघा भी जमीन नहीं है. जब भी बाढ़ आती है तो तटबंध का सहारा लेना पड़ता है. लोगों ने बताया कि यहां बांस और फूस की भी दिकक्त है जिसके कारण सही प्रकार की झोपड़ी बनाना भी मुश्किल होता है. तटबंध में रहते समय अक्सर सांप का डर बना रहता है.

खाने पीने की है समस्या
साथ ही लोगों का कहना है कि सभी यहां अपने बाल बच्चों के साथ रहते हैं, जिससे के उनके पानी में डूबने का डर बना रहता है. यहां पर खाने पीने की कोई व्यवस्था नहीं है. कई बार लोग भूखे रह जाते हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासन किसी भी प्रकार की मदद नहीं करता है. हर साल बाढ़ आती है और लोगों को इस प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ना है. 

ऊंचे तटबंधों पर ली शरण
वहीं, दरभंगा डीएम राजीव रौशन ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि कुशेश्वरस्थान के सुधराइन में लोग बाढ़ के डर से ऊंचे तटबंधों पर शरण लिए हुए हैं.  उनके लिए भोजन और पानी की व्यवस्था की जा रही है. अभी जिले में बाढ़ से स्थिति ज्यादा खराब नहीं हुई है.

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