Hariharnath Mandir: बिहार का वह मंदिर जिसकी श्रीराम ने की स्थापना, जानिए ये रोचक इतिहास
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Hariharnath Mandir: बिहार का वह मंदिर जिसकी श्रीराम ने की स्थापना, जानिए ये रोचक इतिहास

Hariharnath Mandir: बिहार के सारण जिले में स्थित सोनपुर में हरिहरनाथ बहुत प्राचीन मंदिर है. यह मंदिर महादेव शिव और भगवान विष्णु का संयुक्त मंदिर है. यहां दोनों देवताओं की मूर्ति भी एक साथ विराजित है. 

 

हरिहरनाथ प्राचीन मंदिर

पटनाः Hariharnath Mandir: महादेव शिव की पूजा का पावन पर्व शिवरात्रि 1 मार्च 2022 को मनाया जा रहा है. भगवान भोलेनाथ के भक्त मंदिरों की ओर रुख कर रहे हैं और बाबा का जलाभिषेक करके उन्हें मनाएंगे. उनकी पूजा करेंगे. इस मौके पर जहां देशभर के शिवाले दुल्हनों की तरह सजे हैं, वहीं बिहार के हरिहरनाथ मंदिर की छटा अनुपम दिख रही है. मान्यता है इसकी स्थापना भी श्रीराम ने ही की थी.

  1. सारण के सोनपुर में स्थित हरिहरनाथ बहुत प्राचीन मंदिर है
  2. बाबा हरिहर नाथ श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी करते हैं

गंडक नदी के किनारे है स्थित
बिहार के सारण जिले में स्थित सोनपुर में हरिहरनाथ बहुत प्राचीन मंदिर है. यह मंदिर महादेव शिव और भगवान विष्णु का संयुक्त मंदिर है. यहां दोनों देवताओं की मूर्ति भी एक साथ विराजित है. एक साथ होने के कारण ही इसे हरिहर नाथ कहते हैं. कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर गंगा-गंडक के संगम स्थल यानी हाजीपुर सोनपुर में स्थित हरिहर क्षेत्र में गंडक नदी के किनारे लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करते हैं.

गज का हुआ था उद्धार
पौराणिक विरासत को संजोए बाबा हरिहर नाथ श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी करते हैं. सावन के दिनों में यहां विश्व प्रसिद्ध मेले के लगने का इतिहास रहा है, वहीं शिवरात्रि के मौके पर भी यहां भारी भीड़ उमड़ती है. हाथी और मगरमच्छ की पौराणिक लड़ाई भी यहीं हुई थी. भगवान कृष्ण ने यहीं पर मगरमच्छ को मारकर गज का उद्धार किया था. यह मंदिर इसी स्थल पर बना है.  

सावन और कार्तिक दोनों में ही जुटती है भीड़
कहते हैं कि मंदिर का निर्माण श्रीराम ने सीता स्वयंवर में जाते समय किया था. गंगा और गंडक नदी के संगम पर स्थित यह प्राचीन मंदिर सभी हिन्दूओं के परम आस्था का केंद्र है. सावन माह के सोमवार के दिन यहां श्रद्धालुओं की संख्या महादेव की पूजा के लिए बढ़ जाती है तो वहीं कार्तिक में विशेष तौर पर हरि की पूजा की जाती है. वैसे दोनों ही समय में दोनों ही पूजित होते हैं.

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