Chhapra: अग्निपथ योजना के विरोध में जय प्रकाश महाविद्यालय सहायक प्राध्यापक छात्रों के साथ एकदिवसीय अनशन पर बैठे
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Chhapra: अग्निपथ योजना के विरोध में जय प्रकाश महाविद्यालय सहायक प्राध्यापक छात्रों के साथ एकदिवसीय अनशन पर बैठे

केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को युवा विरोधी बताते हुये जय प्रकाश महाविद्यालय छपरा के सहायक प्राध्यापक सह जदयू संधान के संपादक डॉ कुमार वरुण कुछ छात्रों के साथ आज सुबह से बिक्रम के ऐतिहासिक शहीद स्मारक पर अहिंसक और शांतिपूर्ण तरीक़े से एक दिवसीय अनशन पर बैठे हैं.  इस दौरान उन्होंने

 (फाइल फोटो)

Chhapra: केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को युवा विरोधी बताते हुये जय प्रकाश महाविद्यालय छपरा के सहायक प्राध्यापक सह जदयू संधान के संपादक डॉ कुमार वरुण कुछ छात्रों के साथ आज सुबह से बिक्रम के ऐतिहासिक शहीद स्मारक पर अहिंसक और शांतिपूर्ण तरीक़े से एक दिवसीय अनशन पर बैठे हैं. 

इस दौरान उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना निम्न एवं मध्यम आयवर्गीय परिवार के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है और युवा विरोधी योजना है. इस योजना का शांतिपूर्ण अहिंसक ढंग से विरोध जारी रहेगा. आज अनशन किया और यदि योजना वापस नहीं की गई तब आगे के अहिंसक आंदोलन की तैयारी की जाएगी. 

प्रशासन द्वारा अनशन स्थल पर दंडाधिकारी नियुक्त कर विशेष पुलिस बल लगाया गया है. दंडाधिकारी सह बिक्रम अंचलाधिकारी शिव कुमार शर्मा ने बताया कि शांतिपूर्वक अनशन जारी है और नगर बाजार में उपद्रवी तत्वों पर नजर बनी है. यदि कोई गड़बड़ी होती है तो उसके जिम्मेदार अनशन पर बैठे प्राध्यापक डॉ. वरुण होंगे. बहरहाल अग्निपथ योजना का विरोध जारी है और इसी के तहत आज बिक्रम में अनशन के माध्यम से युवा केंद्र सरकार से योजना को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. 

याचिका हुई दायर

तीनों सशस्त्र बलों में चार साल की अवधि के लिए युवाओं को शामिल करने की अग्निपथ योजना की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. यह याचिका अधिवक्ता एम.एल. शर्मा ने दायर की है, जिसमें शीर्ष अदालत से 14 जून को इस योजना की घोषणा करते हुए रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की गई अधिसूचना को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई है.

यह देखते हुए कि युवाओं के एक बड़े वर्ग ने देश के विभिन्न हिस्सों में इस योजना के खिलाफ विरोध करना शुरू कर दिया है, याचिका में कहा गया है : संलग्न प्रेस नोट के अनुसार .. दिनांक 14.06.2022, 100 प्रतिशत चयनित उम्मीदवारों में से 4 साल बाद भारतीय सेना में स्थायी कमीशन, 25 प्रतिशत भारतीय सेना बल में बना रहेगा और शेष 75 प्रतिशत भारतीय सेना में सेवानिवृत्त/अस्वीकार किए जाएंगे. चार वर्षो के दौरान उन्हें वेतन और अनुलाभ का भुगतान किया जाएगा, लेकिन 4 वर्षो के बाद पेंशन आदि नहीं मिलेगी.

याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत और संसद की मंजूरी के बिना और बिना किसी गजट अधिसूचना के सेना की चयन प्रक्रिया को रद्द कर दिया और इस योजना को देश पर थोप दिया. नई दिल्ली के आईटीओ इलाके में हुए एक विरोध प्रदर्शन का हवाला देते हुए याचिका में कहा गया है : कई छात्रों ने शुक्रवार को अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) के सदस्यों के साथ मिलकर सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध किया और इसे वापस लेने की मांग की.

 

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