लखीसराय में महिला का दाह संस्कार करने के लिए आपस में भिड़े हिंदू-मुस्लिम बेटे, जानें क्या है पूरा मामला
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लखीसराय में महिला का दाह संस्कार करने के लिए आपस में भिड़े हिंदू-मुस्लिम बेटे, जानें क्या है पूरा मामला

बिहार के लखीसराय में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. जहां एक महिला की मौत के बाद उसके दाह संस्कार को लेकर दो बेटे आपस में भिड़ गए. घटना चानन थाना क्षेत्र के जानकी डीह गांव की है.

लखीसराय में महिला का दाह संस्कार करने के लिए आपस में भिड़े हिंदू-मुस्लिम बेटे, जानें क्या है पूरा मामला

लखीसरायः बिहार के लखीसराय में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. जहां एक महिला की मौत के बाद उसके दाह संस्कार को लेकर दो बेटे आपस में भिड़ गए. घटना चानन थाना क्षेत्र के जानकी डीह गांव की है. दरअसल, जिस महिला की मौत हुई है. उसके दो बेटे और एक बेटी है. पहला बेटा मुस्लिम है और जबकि एक बेटा और एक बेटी हिन्दू है. यहीं वजह रही जब रायका खातून से रेखा देवी बनी महिला की मौत हुई, तो पूरा विवाद उसके दाह संस्कार से जुड़ गया. 

एएसपी ने किया मामले का समाधान 
मिली जानकारी के मुताबिक एक बेटा मुस्लिम रीति रिवाज से मां का दाह संस्कार करना चाह रहा था, तो वहीं दूसरा बेटा हिन्दू रीति रिवाज से मां का दाह संस्कार करना चाह रहा था. दोनों बेटों में विवाद बढ़ता देख इसकी सूचना पुलिस को दी गई. मौके पर एएसपी इमरान मसूद, चानन थाना अध्यक्ष रूबीकांत कच्छप ने अपनी टीम के साथ गांव पहुंचकर मामले का समाधान किया. जिसके बाद पूरा गांव एएसपी इमरान मसूद की लोग तारीफ कर रहे है.

दाह संस्कार करने के लिए भिड़ें दोनों बेटे 
दरअसल, जानकी डीह गांव निवासी राजेंद्र झा ने 45 वर्ष पूर्व एक मुस्लिम महिला रायका खातून से प्रेम विवाह किया था. जिस वक्त यह विवाह हुआ था. उस वक्त उसके साथ उसका एक बेटा मोहम्मद मोफिल भी था. बाद में महिला ने एक पुत्र और एक पुत्री को जन्म दिया. पुत्र का नाम बबलू जा रखा गया. जब महिला की मौत हुई तो उसके दोनों बेटे उसके दाह संस्कार के लिए भिड़ गए. 

एएसपी ने निकाला रास्ता, दोनों भाईयों ने किया दाह संस्कार
इधर मौके पर पहुंचे एएसपी इमरान मसूद ने दोनों बेटों को समझा बुझाकर मामले को शांत कराया और इसका हल पुलिस ने कुछ इस तरह निकला कि महिला के शव को उसके बेटे बबलू झा को सौंप दिया गया. उसके बाद कहा गया कि दोनों बेटे चाहे तो अपने-अपने हिसाब से अपनी मां का क्रिया कर्म कर सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि अगर वह मिट्टी के बाद की रस्म अदायगी करना चाहते है, तो मुस्लिम रीति रिवाज के अनुसार कर सकते है. वहीं हिंदू रीति रिवाज के अनुसार क्रिया कर्म करने को कहा तो उनका बेटा देर रात बबलू झा ने मां को मुखाग्नि दी.

इनपुट- राज किशोर मधुकर

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