लखीसराय में चलंत शौचालय कचड़े के ढेर पर, देखरेख के अभाव में बेकार
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लखीसराय में चलंत शौचालय कचड़े के ढेर पर, देखरेख के अभाव में बेकार

Bihar News: लखीसराय नगर परिषद द्वारा स्वच्छता अभियान को ले भले ही लाख दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. शहर में स्वच्छता अभियान के सभी दावे फेल साबित हो रहे हैं. स्वच्छता के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर खरीदे गए चलंत शौचालय कचड़े के ढेर पर पड़ा है.

लखीसराय में चलंत शौचालय कचड़े के ढेर पर,  देखरेख के अभाव में बेकार

लखीसराय: Bihar News: लखीसराय नगर परिषद द्वारा स्वच्छता अभियान को ले भले ही लाख दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. शहर में स्वच्छता अभियान के सभी दावे फेल साबित हो रहे हैं. स्वच्छता के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर खरीदे गए चलंत शौचालय कचड़े के ढेर पर पड़ा है. जिसके चलते उसे शहर के विभिन्न हिस्सों में जहां-तहां खड़ा कर दिया गया है. प्रयोग में नहीं लाए जाने व देखरेख के अभाव के चलते शौचालय की स्थिति जर्जर हो गई है.

देखरेख के अभाव में बेकार

सरकार का उद्देश्य था की घनी आबादी के क्षेत्र जैसे बाजार, बस पड़ाव सब्जी मंडी आदि जहां शौचालय की सुविधा नहीं है वहां चलंत शौचालय को लगाया जाए. ताकि शहरवासियों व यात्रियों को खुले में शौच न जाना पड़े, लेकिन नगर परिषद की लापरवाही ने इन उद्देश्यों पर पानी फेर दिया है. काफी ऊंचाई पर बने इन चलंत शौचालय पर चढ़ने के लिए ना तो सीढ़ी बनाई गई है, ना ही उपयोग करने वाले लोगों को हाथ व शौचालय को धोने के लिए पानी की टंकी ही बैठाई गई है.

35 चलंत शौचालय लगाए गए

नगर परिषद द्वारा क्षेत्र में लाखों रुपए की लागत से 35 चलंत शौचालय लगाए गए हैं. जानकारी के अनुसार एक शौचालय की खरीद लगभग छह लाख में किया है. यानी 35 शौचालयों की खरीद में 2 करोड़ 10 लाख रुपये खर्च किए गए. लेकिन इतनी राशि खर्च करने के बाद इन्हें जहां-तहां लावारिस स्थिति में छोड़ दिया गया. अब लोग यह सवाल उठने लगे हैं कि कहीं इसका भी हश्र डस्टबिन घोटाले वाला तो नहीं है.

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वहीं नगर परिषद के प्रशासक आशुतोष आनंद चौधरी बताते है कि शहर मे जिन स्थानों पर शौचालय नहीं है,वहां बायो चलंत शौचालय लगाया गया है. शहर के वार्ड -33,13,1,29,28 समेत कई जगहो पर चलंत शौचालय लगाया गया है,लेकिन स्थानीय लोगो के द्वारा देख-रेख नही करने से चलंत शौचालय बेकार पड़ा है. हालांकि दस चलंत शौचालय को नगर भवन मे रखा गया है. ताकि शहर मे होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों मे मांग करने पर उपयोग मे लाया जाता है.

इनपुट- राज किशोर मधुकर

 

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