बिहार सरकार ने एड्स मुक्त राज्य का लिया संकल्प, 5 सालों में 59 हजार मरीजों की हुई पहचान
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बिहार सरकार ने एड्स मुक्त राज्य का लिया संकल्प, 5 सालों में 59 हजार मरीजों की हुई पहचान

बिहार सरकार ने अब एड्स को खत्म करने को लेकर कमर कस ली है. स्वास्थ्य विभाग ने विश्व एड्स दिवस के मौके पर घोषणा की है कि 2030 तक हर हाल में बिहार को एड्स मुक्त बनाया जाएगा.

बिहार सरकार ने अब एड्स को खत्म करने को लेकर कमर कस ली है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

पटना: बिहार लगातार एड्स की चपेट में है. हर साल औसतन 11 हजार एड्स के मामले सामने आते हैं. लेकिन बिहार सरकार ने अब एड्स को खत्म करने को लेकर कमर कस ली है. स्वास्थ्य विभाग ने विश्व एड्स दिवस के मौके पर घोषणा की है कि 2030 तक हर हाल में बिहार को एड्स मुक्त बनाया जाएगा.
 
बिहार में एचआईवी पॉजिटिव के मामलों का मिलना कोई नयी बात नहीं है. लंबे समय से इसके खिलाफ मुहीम चल रही है. लेकिन उसके बावजूद एड्स समाज में महामारी के रुप में बना हुआ है. लेकिन अब इस महामारी के खिलाफ राज्य सरकार ने निर्णायक लडाई लडने की रणनीति बनाई है.

 

रविवार को विश्व एड्स दिवस के मौके पर पटना में एड्स को लेकर एक बडी जागरुकता रैली निकाली गई. इस रैली में पटना के कई स्कूलों के बच्चों और कॉलेज के स्टूडेंट्स शामिल हुए. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने जागरुकता रैली की अगुआई की. जागरुकता रैली में शामिल होने पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि सरकार का संकल्प है कि 2030 तक हर हाल में बिहार को एड्स मुक्त बनाना है. इसके लिए युवाओं का साथ बहुत जरुरी है.

आमतौर पर युवा एड्स के मामले पर बातचीत से झिझकते हैं. लेकिन युवाओं को एड्स खत्म करने के लिए अब सबके साथ इस विषय पर बातचीत करनी होगी और उन्हें इस महामारी को खत्म करने के लिए आगे आना होगा.
 
गौरतलब है कि बिहार में एड्स का प्रकोप लगातार बना हुआ है. साल 2019-20 में अप्रैल महीने से सितंबर महीने तक जांच के दौरान 5321 एचआईवी पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं. उम्मीद की जा रही है कि वित्तीय वर्ष खत्म होते होते एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या 11 हजार के आसपास पहुंच जाएगी.  

उसी तरह साल 2018-19 में 11 हजार मरीज एचआईवी पॉजिटिव पाए गये थे. वहीं साल 2017-18 में 11 हजार 56 एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई थी. जबकि 2016-17 में 10 हजार 771 मरीज पॉजिटिव पाए गए. बीते पांच सालों में बिहार में कुल 59 हजार 562 एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई है.
 
जानकारों की माने तो 80 प्रतिशत मामलों में एड्स की वजह असुरक्षित यौन संबंध पाया गया है. इसके अलावा इंजेक्शन के द्वारा नशा करना भी एड्स की बडी वजह बनकर सामने आया है. बिहार में इस वर्ष के शुरुआती छह महीने में 475 गर्भवती महिलाओं में एचआईवी के लक्ष्ण पाए गये हैं. सरकार कोशिश कर रही है कि युवाओं को लगातार जागरुत किया जाए. 

जिन गर्भवती महिलाओं में एड्स के लक्ष्ण पाए गये हैं उनका ट्रीटमेंट तत्काल शुरु किया जाय ताकि गर्भ में पल रहे बच्चे को संक्रमण से बचाया जा सके. और एड्स का प्रसार आगे होने से रोका जा सके.