विवादित ढांचा केस : आडवाणी, जोशी समेत 12 लोगों पर चलेगा आपराधिक साज़िश का केस
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विवादित ढांचा केस : आडवाणी, जोशी समेत 12 लोगों पर चलेगा आपराधिक साज़िश का केस

विवादित ढांचा केस में आडवाणी-जोशी समेत 12 आरोपियों पर आरोप तय  (Photo: ANI)

लखनऊः  अयोध्या विवादित ढांचा मामले में मंगलवार (30 मई) को बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत 12 आरोपियों के खिलाफ विशेष सीबीआई कोर्ट ने 120बी के तहत आरोप तय कर दिए है.  इसके साथ ही कोर्ट ने सभी आरोपियों द्वारा दायर की गई डिस्चार्ज एप्लिकेशन को खारिज कर दिया.

इससे पहले कोर्ट ने सभी आरोपियों को जमानत दे दी थी. कोर्ट सभी आरोपियों को 20-20 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दी है.  

अभी इस मामले में सुनवाई जारी है. डिसचार्ज एप्लिकेश बचाव पक्ष की ओर से दी गई. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. डिसर्चाज एप्लिकेशन यदि कोर्ट द्वारा स्वीकार कर ली जाती तो इन आरोपियों पर आरोप तय नहीं होते और मुकदमा बंद हो जाता. लेकिन ऐसा नहीं हुआ कोर्ट ने डिसचार्ज एप्लिकेशन रिजेक्ट कर दी. मामले में सुनवाई जारी है. इस केस में साक्षी महाराज के वकील प्रशांत अटल ने ये बात मीडिया से कही. वकील ने बताया कि डिसर्चाज एप्लिकेशन में आरोपियों द्वारा लिखा गया कि विवादित ढांचा गिराने में हमारी कोई भूमिका नहीं थी. हमने लोगों को शांत कराने का काम किया. लेकिन कोर्ट ने इसे अस्वीकार कर दिया.

भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती आज सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए. विशेष अदालत अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाये जाने के मामले की सुनवाई कर रही हैयभ. भाजपा नेता विनय कटियार, साध्वी रितंभरा और विष्णु हरि डालमिया भी अदालत में मौजूद है.

अदालत बाबरी मस्जिद ढहाये जाने से संबद्ध दो मामलों की सुनवाई कर रही है. आडवाणी, जोशी, उमा, कटियार और साध्वी पर एक मामले में आरोप तय करने को लेकर सुनवाई हो रही है. जबकि दूसरे मामले में महंत नृत्य गोपाल दास, महंत राम विलास वेदांती, बैकुंठ लाल शर्मा उर्फ प्रेमजी, चंपत राय बंसल, महंत धर्म दास और सतीश प्रधान के खिलाफ आरोप तय होने के मामले में सुनवाई हो रही है.

साक्षी महाराज बोले- 'बाबर विदेशी था उसका भारत से कोई लेना-देना नहीं'

भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि धरती की कोई ताकत अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण नहीं रोक सकती. सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई के लिए आये साक्षी महाराज ने कहा, ‘‘मैंने कोई अपराध नहीं किया है .. मैंने कुछ गलत नहीं किया है .. वस्तुत: मैं सौभाग्यशाली हूं .. धरती की कोई ताकत अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण को नहीं रोक पाएगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब इस बारे में और बहस नहीं होनी चाहिए क्योंकि जिन्होंने राम मंदिर का विरोध किया था, आज वे ही राम भक्त हो गये हैं .. मुसलमान खुद इसके लिए आगे आ रहे हैं.’’ साक्षी महाराज ने कहा कि बाबर विदेशी था और उसका भारत से कोई लेना देना नहीं था. मीडिया को भी बार बार इसे ‘बाबरी’ नहीं कहना चाहिए. यह ‘राम जन्मभूमि’ है.

वेदांती ने कहा-'विवादित ढांचा ढहाने में आडवाणी-जोशी की भूमिका नहीं'

उधर महंत राम विलास वेदान्ती ने कहा कि अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाने वालों में वह भी शामिल थे. भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी की इसमें कोई भूमिका नहीं है. अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के मामले की सुनवाई के सिलसिले में सीबीआई की विशेष अदालत में पेश होने आये वेदांती ने कहा, ‘‘अयोध्या में विवादित ढांचे की मीनार गिराने वालों में मैं भी शामिल था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आडवाणी और जोशी निर्दोष हैं’’ वेदांती ने कहा कि वह अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं

इससे पहले अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी सीबीआई की विशेष अदालत में पेश होने के लिए यहां पहुंचे. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीवीआईपी गेस्ट हाउस में आडवाणी का स्वागत किया.

वहीं उमा भारती भी कानपुर से लखनऊ के रवाना हुईं. लखनऊ रवाना होने से पहले उमा भारती ने कहा कि "ये खुल्ला आंदोलन था, जैसा इमरजेंसी के वक्त हुआ था, इस आंदोलन में क्या साजिश थी, मुझे पता नहीं"

आज सुबह बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी दिल्ली से लखनऊ के लिए रवाना हुए.

इन नेताओं पर चलेगा केस

लालकृष्ण आडवाणी. मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, विष्णु हरि डालमिया, रामविलास वेदांती, महंत नृत्य गोपाल दास, चंपत राय बंसल और बैकुंठलाल शर्मा प्रेम पर केस चलेगा.बता दें कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मौजूदा वक्त में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह पर केस नहीं चलेगा. पद पर होने की वजह से उन्हें केस से छूट दी गई है. पद से हटने के बाद उन पर केस चल सकता है.

इन सभी नेताओं पर विवादित ढांचा गिराने की साजिश करने, दो धर्मों के लोगों के बीच दुश्मनी पैदा करने, धार्मिक भावनाएं भड़काने, राष्ट्रीय एकता को तोड़ने के आरोप हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल को निर्देश दिया था कि आडवाणी, जोशी और उमा के अलावा बाकी सभी आरोपियों पर बाबरी ढांचा ढहाये जाने के मामले में आपराधिक षडयंत्र का मुकदमा चलेगा. न्यायालय ने मामले की सुनवाई रोजाना कराने और दो साल में सुनवाई समाप्त करने का निर्देश दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भाजपा नेता कल्याण सिंह जब तक राज्यपाल के पद पर हैं, उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चल सकता. राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, उसी समय ढांचा ढहाया गया था. न्यायालय ने रायबरेली की अदालत में आडवाणी, जोशी, उमा और तीन अन्य आरोपियों पर चल रहे मुकदमे को लखनउ स्थानांतरित करने का आदेश दिया ताकि ढांचा ढहाये जाने के मामलों की एक साथ सुनवाई हो सके.

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अदालत ने साल 2001 में तीनों नेताओं को बाबरी मामले में साजिश रचने के आरोपों से बरी कर दिया था. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने साल 2010 में मामले की सुनवाई के दौरान आरोपों को बरकरार रखा. इस साल अप्रैल में सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि भाजपा, शिवसेना तथा विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेताओं को बाबरी मस्जिद को गिराने की साजिश में कथित संलिप्तता के लिए मुकदमे का सामना करना पड़ेगा. सीबीआई ने भी आरोपों को बरकरार रखने पर जोर दिया था.

सर्वोच्च न्यायालय ने लखनऊ की विशेष अदालत को मामले की रोजाना स्तर पर सुनवाई करने, एक महीने के भीतर ताजा आरोप तय करने तथा दो साल के भीतर मामले का निपटारा करने को कहा था. इस सप्ताह की शुरुआत में पांच आरोपियों ने अदालत के समक्ष समर्पण कर दिया, जबकि शिवसेना के नेता ने बुधवार (24 मई) को समर्पण किया, जिसके बाद सभी को जमानत दे दी गई.

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