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हैदराबाद : बाबरी मस्जिद विवाद का हल बातचीत के जरिए ढूंढने के सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को कहा कि बाबरी मस्जिद मामला मालिकाना हक से जुड़ा हुआ है. साथ ही ओवैसी ने कहा कि वह देखना चाहेंगे कि मस्जिद विध्वंस मामले में आडवाणी, जोशी और उमा भारती के खिलाफ षड्यंत्र के आरोप तय होंगे या नहीं.
एआईएमआईएम के प्रमुख का बयान ऐसे दिन आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को अयोध्या मंदिर का समाधान ढूंढने का फिर से प्रयास करना चाहिए जो ‘संवेदनशील’ मामला है और ‘भावनाओं से जुड़ा हुआ है.’
ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, ‘यह जानने को इच्छुक हूं कि 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आडवाणी, जोशी और उमा भारती के खिलाफ षड्यंत्र के आरोप तय होंगे या नहीं।’ हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ने उम्मीद जताई कि उच्चतम न्यायालय ‘मानहानि की याचिका पर भी निर्णय करेगा जो 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद से लंबित है.’
Please remember Babri Masjid case is about Title which Allahabad court wrongly decided as a Partnership case hence the Appeal in Apex court
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 21, 2017
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘कृपया याद रखिए कि बाबरी मस्जिद मामला मालिकाना हक से जुड़ा हुआ है जिसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गलत तरीके से भागीदारी मामला बताया इसलिए उच्चतम न्यायालय में अपील की गई है.’ इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने विवादित भूमि को तीन हिस्से में बांटने का फैसला दिया था -- एक तिहाई हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए, एक तिहाई निर्मोही अखाड़े के लिए और एक तिहाई ‘राम लला’ के पक्षकारों के लिए.