Anti Conversion Bill: इस राज्य में धर्मांतरण रोकने की तैयारी, विधान परिषद में बीजेपी सरकार पेश करेगी बिल
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Anti Conversion Bill: इस राज्य में धर्मांतरण रोकने की तैयारी, विधान परिषद में बीजेपी सरकार पेश करेगी बिल

Karnataka Anti conversion bill: कर्नाटक (Karnataka) विधानसभा में पारित होने के बाद सीएम बसवराज बोमई (Basavaraj Bommai) की अगुवाई वाली राज्य सरकार आज कर्नाटक विधान परिषद (Legislative Council) में धर्मांतरण विरोधी विधेयक (Anti conversion bill) पेश करेगी.

फाइल

Anti conversion Row Karnataka: उत्तर भारत के कई राज्यों में धर्मांतरण रोकने की दिशा में लगातार काम रही बीजेपी (BJP) की सरकार ने अब दक्षिण भारत में अपनी सरकार वाले राज्य में धर्मातंकरण कराने वालों पर नकेल कसने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ चुकी है. इस दिशा में कर्नाटक (Karnataka) की सत्ता पर काबिज बीजेपी ने विधानसभा में इससे जुड़ा बिल पास करा लिया है. आज पार्टी इसे राज्य की विधान परिषद (Legislative Council) में पेश करेगी.

हंगामा होने के आसार

कर्नाटक विधानसभा में पारित होने के बाद कर्नाटक सरकार आज कर्नाटक विधान परिषद में धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश करेगी. इस विधेयक में धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार की सुरक्षा और बलपूर्वक, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या किसी भी कपटपूर्ण तरीके से एक धर्म से दूसरे धर्म में गैरकानूनी अंतरण पर रोक लगाने का प्रावधान है.

बीजेपी विधायक को बिल पास होने का भरोसा

इस बिल को लेकर राज्य के बीजेपी विधायक सीटी रवि (CT Ravi) ने कहा, 'यह बिल तो वैसे भी पास होना चाहिए. संख्या बल के हिसाब से इसे पास कराने में उनकी सरकार को कोई दिक्कत नहीं आएगी. कोई भी धर्मांतरण का समर्थन नहीं करता और हम धर्मांतरण कराने वाले माफिया से नहीं डरेंगे. बिल पास होना चाहिए.'

विपक्ष कर रहा है विरोध

आपको बताते चलें कि विपक्ष में बैठी कांग्रेस और जेडीएस, कर्नाटक में धर्मांतरण विरोधी विधेयक का विरोध करती आई है. ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि यह बिल विधान परिषद में शांतिपूर्वक पेश होता है या फिर हंगामे की भेट चढ़ता है. पिछले साल दिसंबर में ही कर्नाटक धर्म स्वतंत्रता अधिकार सुरक्षा विधेयक पारित हो चुका है, लेकिन यह विधेयक अभी विधान परिषद में लंबित है.

अभी कुछ समय पहले कानून एवं संसदीय मामलों के मंत्री जेसी मधुस्वामी ने कहा था, 'हमने कर्नाटक धर्म स्वतंत्रता अधिकार सुरक्षा विधेयक पारित कर दिया था, लेकिन किन्हीं कारणों से यह विधान परिषद में पारित नहीं हो सका, इसलिए मंत्रिमंडल ने गुरुवार को अध्यादेश लाने का निर्णय लिया.' उन्होंने कहा था कि अगले सत्र में उसे परिषद में पेश किया जाएगा और पारित कराया जाएगा.

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