सपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पार्टी के 62 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची शेयर की गई है. सूची के मुताबिक, फिर अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष, किरणमय नंदा को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राम गोपाल यादव को राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव बनाया गया है. वहीं मोहम्मद आजम खां, शिवपाल सिंह यादव, स्वामी प्रसाद मौर्य, रवि प्रकाश वर्मा, बलराम यादव समेत 14 राष्ट्रीय महासचिव होंगे. सुदीप रंजन सेन पार्टी के कोषाध्यक्ष होंगे, जबकि सदस्यों के अलावा 19 राष्ट्रीय सचिव होंगे.
शिवपाल ने डिंपल के लिए किया था प्रचार
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद शिवपाल सिंह यादव ने पिछले साल के आखिरी महीने में मैनपुरी में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान डिंपल यादव के लिए जमकर चुनाव प्रचार किया था और चुनाव में सपा की भारी जीत के बाद पार्टी का झंडा थाम लिया था. उन्होंने 2018 में अपनी अलग प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन कर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था.
हालांकि 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव के बीच नजदीकी होने के बाद शिवपाल ने सपा के ही निशान पर विधानसभा चुनाव लड़ा और जसवंत नगर से विधायक बनने के बाद फिर से अखिलेश यादव से उनकी दूरी हो गई थी. मुलायम सिंह के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव से अखिलेश यादव मैनपुरी उपचुनाव में चौथी बार मतभेद दूर कर एक हुए थे और तबसे चाचा-भतीजा के रिश्ते मजबूत हुए हैं. सपा की कार्यकारिणी में राम चरित मानस पर विवादित बयान देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को भी राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है.
मौर्य ने रामचरितमानस पर की थी विवादित टिप्पणी
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले रविवार को एक बयान में श्रीरामचरितमानस की एक चौपाई का जिक्र करते हुए इसे महिलाओं-पिछड़ों के प्रति अपमानजनक करार दिया था और इस पर पाबंदी लगाने की मांग की थी. उनके इस बयान पर खासा विवाद पैदा हो गया था.
संत समाज और हिन्दूवादी संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया था. इस मामले में मौर्य के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ है. इसके अलावा 2022 के चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी छोड़कर सपा में शामिल होने वाले पूर्व मंत्री लालजी वर्मा और राम अचल राजभर को भी राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है.
(इनपुट-एजेंसी)