India GDP: 5वीं बड़ी इकोनॉमी बनने पर राघव चड्ढा ने पेश की अलग तस्‍वीर, आंकड़ों की जुबानी बताई कहानी
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India GDP: 5वीं बड़ी इकोनॉमी बनने पर राघव चड्ढा ने पेश की अलग तस्‍वीर, आंकड़ों की जुबानी बताई कहानी

Raghav Chadha on GDP: भारत की अर्थव्यवस्था 3.5 ट्रिलियन डॉलर की है, वहीं ब्रिटेन की 3.2 ट्रिलियन डॉलर. ट्विटर पर इसी तथ्य को लेकर आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने तंज कसा है. 

India GDP: 5वीं बड़ी इकोनॉमी बनने पर राघव चड्ढा ने पेश की अलग तस्‍वीर, आंकड़ों की जुबानी बताई कहानी

India 5th Largest GDP: भले ही भारत ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की पांचवी अर्थव्यवस्था बन गया हो लेकिन दोनों देशों के नागरिकों की प्रति व्यक्ति जीडीपी में जमीन-आसमान का फर्क है. जहां भारत की अर्थव्यवस्था 3.5 ट्रिलियन डॉलर की है, वहीं ब्रिटेन की 3.2 ट्रिलियन डॉलर. ट्विटर पर इसी तथ्य को लेकर आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने तंज कसा है. 

राज्यसभा सदस्य चड्ढा ने ट्वीट में लिखा, 'हां, भारत अब 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. उसने ब्रिटेन को पछाड़ दिया है. लेकिन आंकड़ों को समझते हैं. भारत की जीडीपी 3.5 ट्रिलियन डॉलर की है, जिसे 140 करोड़ लोगों का पेट भरना होता है, जबकि ब्रिटेन की 3.2 ट्रिलियन डॉलर, जो सिर्फ 6.8 करोड़ लोगों का पेट भरता है. भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 2500 डॉलर से कम है जबकि ब्रिटेन की 47000 डॉलर है, जो 20 गुना ज्यादा है.' कई अर्थशास्त्री इस बात से सहमत हैं कि जीडीपी नहीं बल्कि प्रति व्यक्ति आय देश की समृद्धि का वास्तविक माप है क्योंकि आय समानता और अन्य कारकों के कारण जीडीपी संख्या अलग हो सकती है.

बता दें कि भारत के पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बाद अब सिर्फ अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी ही उससे आगे हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने यह अनुमान जताया है. एक दशक पहले तक भारत बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मामले में 11वें पायदान पर था जबकि ब्रिटेन पांचवें स्थान पर था. लेकिन अप्रैल-जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड विस्तार होने से यह ब्रिटेन से आगे निकल गई है और ब्रिटेन छठे पायदान पर खिसक गया है. इससे पहले एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मौजूदा विकास दर से भारत साल 2027 में जर्मनी और 2029 में जापान को पीछे छोड़ देगा.

भारत की जीडीपी अप्रैल-जून 2022 की तिमाही में 13.5 फीसदी की दर से बढ़ी है जो एक साल में सबसे तेज रफ्तार है. इसके साथ ही भारत एक बार फिर दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है. हालांकि बढ़ती ब्याज लागत और विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की आहट से आगामी तिमाहियों में वृद्धि की रफ्तार मंद पड़ने का खतरा मंडरा रहा है.

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