AAP vs BJP: बीजेपी-आप के बीच पिछले कुछ दिनों से जारी विवाद कम होने के बजाय और ज्यादा बढ़ गया है. यह विवाद कब तक चलता रहेगा इसके विषय में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है. हो सकता है यह विवाद और भी लंबा चले.
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MCD News: एमसीडी में मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के छह सदस्यों के चुनाव को लेकर आप और बीजेपी के बीच टकराव कम होता नही दिख रहा है. दोनों के बीच पिछले कुछ दिनों से जारी विवाद कम होने के बजाय और ज्यादा बढ़ गया है. आखिर ऐसे कौन से बिंदु हैं जिन पर ये दोनों दल एक दूसरे पर निशाना साधने में लगे हैं.
विवाद के तीन बिंदु
दरअसल इस विवाद के तीन मुख्य मुद्दे हैं- पहला- उप राज्यपाल द्वारा मनोनीत पार्षद, दूसरा- पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति और तीसरा - हज कमेटी के गठन से दिल्ली की राजनीति पर पड़ने वाला प्रभाव भी है. यही तीन बिंदु है जिस पर आप और बीजेपी आमने - सामने हैं.
विवाद का पहला कारण
बात पहले मुद्दे की करें तो एलजी वीके सक्सेना ने 10 पार्षद मनोनीत किए हैं. उप राज्यपाल द्वारा मनोनीत पार्षदों को एल्डरमैन कहा जाता है. एलजी के इस कदम पर आप का आरोप है कि उपराज्यपाल ने चुनी हुई सरकार को बाईपास कर बीजेपी के कार्यकर्ताओं को एल्डरमैन बना दिया है. हालांकि एलजी ने इस आरोप को नकार दिया है.
विवाद का दूसरा कारण
मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन का चुनाव कराने को लेकर एमसीडी में जारी विवाद का दूसरा मुद्दा है, पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति का. आप का आरोप है कि सरकार को बाईपास कर एलजी ने पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति कर दी है जो कि पूरी तरह से गलत है. एलजी ने आप के इस आरोप को भी गलत बताया है.
विवाद का तीसरा कारण
एमसीडी विवाद की एक वजह हज कमेटी का गठन भी है. आम आदमी पार्टी का दावा है कि कमेटी में शामिल कांग्रेस पार्षद नाजिया दानिश को चेयरमैन बनाने के लिए हज कमेटी में शामिल किया गया है. ताकि कांग्रेस के पार्षद महापौर चुनाव में सदन में वोट न करें. आप का दावा है कि अभी तक दिल्ली की चुनी हुई सरकार की ओर से प्रस्तावित व्यक्ति हज कमेटी का चेयरमैन बनता था. आप इसे बीजेपी की कांग्रेस के साथ डील बता रही है जबकि बीजेपी इस आरोप से इनकार किया है.
(इनपुट - एजेंसी)
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