Indore: सैलरी रोकी और कर दिया ट्रांसफर, कंपनी के गेट पर 7 कर्मचारियों ने एक साथ खाया जहर
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Indore: सैलरी रोकी और कर दिया ट्रांसफर, कंपनी के गेट पर 7 कर्मचारियों ने एक साथ खाया जहर

Private factory employees: सातों कर्मचारी मॉड्यूलर किचन में इस्तेमाल होने वाला सामान बनाने वाली निजी कंपनी के कारखाने में काम करते थे. शुरुआती जांच में सामने आया कि कंपनी के मालिकों ने इन कर्मचारियों को पिछले कई महीने से सैलरी नहीं दी और उनका ट्रांसफर अन्य कारखाने में कर दिया था जिससे वे परेशान चल रहे थे.

Indore: सैलरी रोकी और कर दिया ट्रांसफर, कंपनी के गेट पर 7 कर्मचारियों ने एक साथ खाया जहर

Seven workers consume poison together: प्राइवेट कंपनियों में आए दिन कर्मचारियों की सैलरी में देरी और कटौती की शिकायतें आती रहती हैं. लेकिन इंदौर में एक कंपनी के फैसले के बाद 7 कर्मचारियों ने जहर खा लिया जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बकाया सैलरी मांगे जाने पर कंपनी ने कर्मचारियों का ट्रांसफर दूसरे कारखाने में कर दिया था जिससे परेशान होकर प्राइवेंट कंपनी के सात कर्मचारियों ने गुरुवार को एक साथ जहर खाकर जान देने की कोशिश की. हालांकि गनीमत यह रही कि सभी को वक्त रहते इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया गया और अब उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है. 

कंपनी ने किया था ट्रांसफर

सब इंस्पेक्टर अजय सिंह कुशवाह ने बताया कि परदेशीपुरा थाना क्षेत्र में जहरीला पदार्थ खाने वाले सातों लोगों को महाराजा यशवंतराव अस्पताल (MYH) में भर्ती कराया गया जहां उनकी हालत फिलहाल खतरे से बाहर बताई जा रही है. उन्होंने बताया कि सातों कर्मचारी मॉड्यूलर किचन में इस्तेमाल होने वाला सामान बनाने वाली निजी कंपनी के कारखाने में काम करते थे. कुशवाह ने शुरुआती जांच के हवाले से बताया कि कंपनी के मालिकों ने इन कर्मचारियों को पिछले कई महीने से सैलरी नहीं दी और उनका ट्रांसफर अन्य कारखाने में कर दिया था जिससे वे परेशान चल रहे थे.

इस बीच मामले से संबंधित कर्मचारियों के सहकर्मी अनिल निगम ने बताया कि उनके साथियों ने प्राइवेट कंपनी के दफ्तर के सामने जहर खाया. उन्होंने दावा किया कि कंपनी के मालिकों ने यह कहते हुए उन्हें एक सितंबर से काम पर आने से मना कर दिया था कि उनकी अब कोई जरूरत नहीं रह गई है. पुलिस के मुताबिक जिन लोगों ने जहर खाया है उनके नाम जमुना धर, दीपक, देवीलाल, राजेश, जितेंद्र धामनिया और शेखर बताए गए हैं. अब पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुट गई है.

नौकरी से निकाने जाने का दावा

जानकारी के मुताबिक पहले से ही सैलरी न मिलने की वजह से कर्मचारी परेशानी थे और अब नौकरी से निकाले जाने की बात सुनकर उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया. ऐसे में उन्होंने विरोध जताते हुए कंपनी के गेट पर पहुंचकर एक साथ जगह खा लिया. हालांकि आनन-फानन में उन्होंने अस्पताल ले जाया गया और अब सातों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है. 

(इनपुट: एजेंसी)

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