Yoga For Back Pain: रीढ़ की हड्डियों को फौलादी बनाएगा ये आसन, जानें सही तरीका और लाभ
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Yoga For Back Pain: रीढ़ की हड्डियों को फौलादी बनाएगा ये आसन, जानें सही तरीका और लाभ

Marjari Yogasana For Back Pain: मार्जरी आसन के अभ्यान से रीढ़ की हड्डियों में होने वाले दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है. इसके लिए आपको मार्जरी योगासन को करने का सही तरीका पता होना चाहिए.  

 

मार्जरी आसन करने के लाभ

Marjari Yogasana For Back Pain: योगा का हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान है. आयुर्वेद में योगा का कई तरह से बखान किया गया है. पहले के समय में जब हर बीमारी की दवा मौजूद नहीं होती थी, तो ज्यादातर मामलों में आयुर्वेद और योगा का सहारा मिया जाता था. इसके जरिए बड़ी से बड़ी बीमारियों को ठीक भी किया गया है. इस समय की लाइफस्टाइल को देखते हुए, हर किसी को योगासनों को अपने डेली रुटीन का हिस्सा बनाना चाहिए. इससे स्वास्थ को बहुत लाभ मिलते हैं. योगा करने से शारीरिक एवं मानसिक दोनों ही स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं. 

वो चाहे महिला हो या पुरुष, आजकल ऑफिस वर्कलोड के चलते सबसे पहले व्यक्ति की कमर, पीठ या रीढ़ की हड्डियों में दर्द की समस्या होने लगी है. ऑफिस में घंटों चेयर पर बैठकर काम करना, ज्यादातर समय कम्प्यूटर स्क्रीन के सामने गुजारना ये सब धीरे-धीरे हमारी बॉडी में बड़ी बीमारियां पैदा करते हैं. ऐसे में रीढ़ की हड्डियों में दर्द के लिए योग एक मात्र उपचार है. ऐसा योग विशेषज्ञों ने भी पाया. अगर आपको भी रीढ़ की हड्डियों में भयानक दर्द रहता है, या फिर कमर दर्द की शिकायत है तो मार्जरी आसन का अभ्यास की आदत बना लें. आइये जानें इसके अभ्यास का सही तरीका और लाभ 

क्या है मार्जरी आसन?
मार्जरी आसन को कैट-काऊ पोज के नाम से भी जानते हैं. योग विशेषज्ञों का मानना है कि जिन लोगों को अक्सर पीठ में दर्द या फिर रीढ़ से हड्डियों में दर्द रहता है उन्हें मार्जरी आसन का अभ्यास करना चाहिए. इससे सेहत को विशेष लाभ मिलता है. इसके साथ ही पाचन अंगों की कार्यक्षमता को बढ़ाने और शरीर की बेहतर तरीके से स्ट्रेचिंग करने में भी ये योग लाभदायक है. 

मार्जरी आसन करने का सही तरीका
वैसे तो मार्जरी आसन का अभ्यास सभी उम्र के लोग कर सकते हैं, क्योंकि ये काफी सरल है. इस आसन को करने से शरीर की अकड़न दूर होती है. इस योग के अभ्यास के लिए सबसे पहले जमीन पर दोनों घुटनों और दोनों हाथों को टेक कर बिल्ली जैसी मुद्रा में बैठ जाएं. फिर जांघों को ऊपर की ओर सीधा करके पैर के घुटनों पर 90 डिग्री का कोण बनाएं. अब लंबी सांस लें और सिर को पीछे की ओर झुकाते हुए टेलबोन को ऊपर उठाएं. फिर सांस छोड़ते हुए सिर को नीचे की ओर झुकाएं और ठुड्डी को छाती से लगाने का प्रयास करें. इस प्रक्रिया को 15 से 20 बार दोहराएं. 

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