Heart Attack से उबरने की गति को धीमा कर सकता है वैवाहिक तनाव, जानें पार्टनर से अच्छे रिश्ते कैसे निभाएं
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Heart Attack से उबरने की गति को धीमा कर सकता है वैवाहिक तनाव, जानें पार्टनर से अच्छे रिश्ते कैसे निभाएं

धिकांश पति-पत्नी अपने रिश्ते में तनाव का अनुभव करते हैं, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं. वैवाहिक तनाव हार्ट अटैक से उबरने वाले लोगों के लिए समस्या पैदा कर सकता है.

प्रतिकात्मक तस्वीर

जितना हम कल्पना करना चाहेंगे कि जीवन एक परी कथा (fairy tale) है, लेकिन होता इससे एकदम उलटा ही है. अधिकांश पति-पत्नी अपने रिश्ते में तनाव का अनुभव करते हैं, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं. वैवाहिक तनाव न केवल आपके जीवन में संघर्ष पैदा करता है, बल्कि बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म दे सकता है. यह तनाव हार्ट अटैक से उबरने वाले लोगों के लिए समस्या पैदा कर सकता है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया वैवाहिक तनाव हार्ट अटैक से उबरने की गति को धीमा कर सकता है.

वैवाहिक तनाव और हार्ट अटैक रिकवरी के बीच का लिंक
किए गए अध्ययन में 18-55 वर्ष की आयु के बीच के लोगों को शामिल किया गया, जो शादीशुदा थे. इसमें दो ग्रुप बाटें गए. पहले में वो थे, जिनको वैवाहिक तनाव था और दूसरे में वो, जिन्हें वैवाहिक तनाव नहीं था. अध्ययन के अनुसार, वैवाहिक तनाव उन लोगों की तुलना में दिल का दौरा पड़ने के बाद ठीक होने में समस्याओं से जुड़ा था, जिनकी शादी में कम तनाव था. अध्ययन से पता चला है कि जिन लोगों ने ज्यादा वैवाहिक तनाव की सूचना दी थी, उनके सीने में दर्द होने की संभावना 67 प्रतिशत अधिक थी. इतना ही नहीं, मामूली वैवाहिक तनाव वालों की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत ज्यादा तनाव लेने वाले लोग अस्पताल में भर्ती हुए थे. अध्ययन में शामिल हुए जिन प्रतिभागियों को ज्यादा वैवाहिक तनाव था, उनके जीवन की गुणवत्ता भी खराब थी.

वैवाहिक तनाव से कैसे निपटें?

1. आमदनी पर चर्चा करें
एक सफल और सहायक विवाह के लिए एक बड़ी बाधा वित्तीय तनाव हो सकती है. चाहे आप खर्च के लिए अलग अकाउंट चाहते हो या मासिक बिलों के लिए ज्वाइंट अकाउंट, अपने पार्टनर से स्पष्ट रूप से चर्चा करें. खर्च पर नजर रखने से भविष्य के लिए तैयार होने और अप्रत्याशित परिस्थितियों के लिए बचत करने में मदद मिल सकती है.

2. बात करना महत्वपूर्ण है
यह सुनने में अटपटा लग सकता है, लेकिन खुलकर बात करना वास्तव में एक सुखी विवाह की कुंजी है. गलतफहमी संदेह और आक्रोश की जड़ हो सकती है, जिसे केवल बातचीत के जरिए ही टाला जा सकता है. चर्चा की कमी अक्सर दोनों को इस बात से अनजान करती है कि दूसरा व्यक्ति कैसा महसूस कर रहा है. रिश्ते में निकटता और घनिष्ठता लाने में मदद करने के लिए दिन के अंत में सांसारिक चीजों के बारे में भी बात करना महत्वपूर्ण है।

3. जिम्मेदारियों का संतुलन
भारतीय समाज में, महिलाओं से अभी भी सुपर ह्यूमन होने की अपेक्षा की जाती है और वे काम व घरेलू जिम्मेदारियों दोनों को अच्छे ढंग से संभालती हैं. हालांकि, यह अच्छे रिश्ते के लिए हानिकारक हो सकती है, क्योंकि इससे नाराजगी और अनसुलझे तनाव पैदा होते हैं. चाहे पति-पत्नी दोनों काम कर रहे हों या नहीं, जिम्मेदारियों का बराबर संतुलन होना चाहिए. जो जोड़े एक-दूसरे को प्यार करते हैं और समझते हैं, उन्हें एक-दूसरे की कमजोरियों को चुनने के बजाय उनकी ताकतों के प्रति काम करना चाहिए.

4. क्वालिटी टाइम को पहचानें
अक्सर, पति-पत्नी वैवाहिक जिम्मेदारियों- बच्चों, कामों और नौकरियों के चक्कर में खो जाते हैं. अपने जीवनसाथी के साथ क्वालिटी टाइम और पर्सनल टाइम से तनाव से राहत मिल सकती है, जो विवाह को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है. पति-पत्नी को एक दूसरे की सराहना करने, एक दूसरे की कंपनी का आनंद लेने, मजे करने, अपनी समझ को गहरा करने और अधिक बातें करने से तनाव दूर करने में मदद मिल सकती है.

5. अकेले समय बिताएं
गतिविधियों के लिए अपने साथी पर निर्भर होने के बजाय, अपने साथ समय बिताने का आनंद लेना सीखना भी महत्वपूर्ण है. किसी शौक को अपनाना या दौड़ने जाना उस दिन प्रभावी तरीके हो सकते हैं, जहां आप अपने लिए समय निकाल सकते हैं, जबकि आपका जीवनसाथी घर और बच्चों की देखभाल करता है.

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