इस सीरियल में छोटे से छोटे सीन को ग्रैंड बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई थी, जिसका असर अभी भी दिख रहा है. दर्शक हर सीन को देखकर दंग रह जाते हैं.
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नई दिल्ली: बीआर चोपड़ा की 'महाभारत' (Mahabharat) को दर्शकों का खूब प्यार मिल रहा है. लॉकडाउन में लोगों को इस शो से बहुत कुछ सिखने का मौका भी मिल रहा है. इस सीरियल में छोटे से छोटे सीन को ग्रैंड बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई थी, जिसका असर अभी भी दिख रहा है. दर्शक हर सीन को देखकर दंग रह जाते हैं. अब बात भीष्म पितामह को बाण लगने वाले सीन की ही कर लीजिए. इस सीन में बाणों की शय्या तैयार करने में सबसे अधिक मेहनत हुई. शो में 'भीष्म' का किरदार निभाने वाले मुकेश खन्ना (Mukesh Khanna) ने अब इस बारे में खुलासा किया है.
मुकेश खन्ना (Mukesh Khanna) ने ट्विटर पर इस बारे में जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि कैसे युद्ध के इस सीन को शूट करने में पूरा दिन निकल गया था. उन्होंने खुलासा किया कि अर्जुन द्वारा छोड़े गए हर तीर को तारों के जरिए उनके शरीर तक पहुंचाया गया. उनके कवच पर स्क्रू के जरिए तीरों को आगे और पीछे की ओर टाइट किया गया. ताकि ऐसा लगे, जैसे तीर ने शरीर को पार गया है. उन्होंने लिखा, 'सीन शूट करने में पूरा दिन निकल गया. तारीफ करनी होगी दिवंगत रवि चोपड़ा (Ravi Chopra) और उनकी टीम की. हर एक बाण मुझ पर तार द्वारा छोड़ा गया. हर एक को मैंने पकड़ा, लगने का रीऐक्शन दिया. आगे आधा, पीछे आधा बाण मेरे ड्रेस के नीचे पहने जिरह बख्तर पर स्क्रू किया गया. फिर दिन भर बाण चलते रहे, चलते रहे.'
सीन शूट करने में पूरा दिन निकल गया। तारीफ़ करनी होगी दिवंगत रवि चोपड़ा और उनकी टीम की।हर एक बाण मुझ पर तार द्वारा छोड़ा गया।हर एक को मैंने पकड़ा, लगने का रीऐक्शन दिया।आगे आधा, पीछे आधा बाण मेरे ड्रेस के नीचे पहने जिरह बख़्तर पर स्क्रू किया गया।फिर दिन भर बाण चलते रहे, चलते रहे। pic.twitter.com/1KPB9kID0i
— Mukesh Khanna (@actmukeshkhanna) May 6, 2020
उन्होंने एक और ट्वीट किया, मुकोश खन्ना ने लिखा, 'भीष्म घायल शेर की तरह खूंखार नजरों से देखते आगे बढ़ते गए. फिर अर्जुन ने पूरा जोर लगाकर आखिरी बाण चलाया. और भीष्म इच्छा मृत्य का वरदान लिए नीचे गिरे. लेकिन जमीन पर नहीं शरीर पर लगे बाणों की शय्या पर. वो शय्या जो भूतो ना भविष्यते किसी वीर को नहीं मिली होगी. ऐसे थे भीष्म पितामह.'
भीष्म घायल शेर की तरह ख़ूँख़ार नज़रों से देखते आगे बढ़ते गए।फिर अर्जुन ने पूरा ज़ोर लगा कर आख़िरी बाण चलाया।और भीष्म इच्छा मृत्य का वरदान लिए नीचे गिरे।लेकिन ज़मीन पर नहीं शरीर पर लगे बाणों की शय्या पर। वो शय्या जो भूतो ना भविष्यते किसी वीर को नहीं मिली होगी। ऐसे थे भीष्म पितामह।
— Mukesh Khanna (@actmukeshkhanna) May 6, 2020
बता दें कि लॉकडाउन में दूरदर्शन पर 'महाभारत' का भी री-टेलिकास्ट हुआ. 1988 से 1990 तक पहली बार प्रसारित हुए इस सीरियल ने तब छोटे पर्दे को बड़ा बना दिया था.
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