सनी देओल ने 1983 में फिल्म 'बेताब' से अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी. सनी देओल अपने करियर में कई दमदार विषयों पर फिल्म कर चुके हैं. उनकी सुपरहिट फिल्मों में 'दामिनी', 'डर', 'गदर: एक प्रेम कथा', 'घायल' जैसी कई फिल्में शामिल हैं.
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मुंबई: सनी देओल पिछले 35 सालों से बॉलीवुड में काम कर रहे हैं और इस दौरान उनके नाम कई ब्लॉकबस्टर हिट फिल्में रही हैं. 'घातक', 'जीत', 'बॉर्डर', 'गदर' जैसी कई सुपरहिट फिल्में करने वाले सनी देओल जल्द ही फिल्म 'भैयाजी सुपरहिट' में नजर आने वाले हैं. लेकिन इतने लंबे करियर के बाद सनी ने अब एक अनोखा खुलासा किया है. सनी देओल का कहना है कि इतने सालों के करियर में उन्होंने अपनी किसी फिल्म की स्क्रिप्ट को पढ़ा नहीं है. दरअसल सनी कोई स्क्रिप्ट खुद पढ़ने के बजाए उसे लेखक से सुनना ही पसंद करते हैं.
सनी देओल ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, 'मैं बहुत ही सहजभाव वाला शख्स हूं. मैं एक आइडिया सुनता हूं, उसके बारे में सोचता हूं.. अगर वह मुझे पसंद आया तो तुरंत उसपर काम शुरू कर देता हूं. मैं उसकी गहराई में नहीं जाता. हालांकि आज के दौर में आपको यह करने की बेहद जरूरत है, लेकिन पहले के समय में फिल्ममेकिंग काफी अलग थी. मैं कभी स्क्रिप्ट नहीं पढ़ता.'
उन्होंने आगे कहा, 'मैं हमेशा डायरेक्टर से उसका आइडिया सुनता हूं और पसंद आते ही काम शुरू कर देता हूं. मैं हमेशा स्क्रिप्ट राइटर से उसका आइडिया सुनता हूं क्योंकि आखिर में वहीं पर्दे पर नजर आएगा.'
बता दें कि अपनी पहली फिल्म 'बेताब' के द्वारा 1983 से बॉलीवुड में शुरुआत करने के बाद से ही सनी देओल कई दमदार विषयों वाली फिल्म कर चुके हैं. उनकी सुपरहिट फिल्मों में 'दामिनी', 'डर', 'गदर: एक प्रेम कथा', 'घायल' जैसी कई फिल्में शामिल हैं. सनी का कहना है कि वह फिल्ममेकिंग की पूरी प्रक्रिया को किसी जुए की तरह नहीं लेते. उन्होंने कहा, 'मैं ऐसा करता हूं क्योंकि मुझे यह पसंद है और मैं कहानी को इंजॉय करता हूं. हालांकि ऐसा भी कई बार हुआ है जब आपको समझ आता है कि डायरेक्टर, लेखक या प्रोडक्शन यहां-वहां जा रहा है लेकिन तब आप कुछ नहीं कर सकते.'
वहीं आज ही रिलीज हुई अपनी एक्शन कॉमेडी फिल्म 'भैय्याजी सुपरहिट' के बारे में पूछे जाने पर सनी देओल ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से कहा, "मैं शैली की तुलना में किरदार पर अधिक ध्यान देता हूं क्योंकि फिल्म की कहानी मायने रखती है. अगर कहानी अच्छी है और किरदार अच्छी तरह लिखा गया है तो मैं इसे चुनता हूं." वाराणसी की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म की कहानी 'भैय्याजी' के इर्द-गिर्द घूमती है, जो हिंदी सिनेमा में अभिनेता बनना चाहते हैं.
(इनपुट पीटीआई और आईएएनएस से)