फिल्म 'पद्मावत' के हरेक डायलॉग में दिखता है राजपूत गौरव
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फिल्म 'पद्मावत' के हरेक डायलॉग में दिखता है राजपूत गौरव

दीपिका ने पद्मावती की भूमिका निभाते हुए कई दमदार डायलॉग बोले हैं जिसमें एक ‘‘राजपूती कंगन में उतनी ही ताकत होती है जितनी राजपूती तलवार में’’ है.

पद्मावत फिल्म के पोस्टर में शाहिद कपूर, दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: प्रदर्शनकारियों द्वारा मॉल और हॉल में तोड़फोड़ करने, राजमार्ग अवरुद्ध करने और आत्मदाह की धमकी देने के बीच, संजय लीला भंसाली की बहुचर्चित फिल्म ‘पद्मावत’ दरअसल राजपूत गौरव की शान का गुणगान करने वाली निकली. दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह अभिनीत फिल्म आखिरकार 25 जनवरी को रिलीज हो रही है. यह फिल्म राजपूत सम्मान को दिखाने वाली है, न कि वह सब जो प्रदर्शनकारी इस फिल्म के बारे में बता रहे हैं. 165 मिनट की यह फिल्म राजपूत गौरव के लिए बोले गये एक एक पंक्ति के डायलॉग से भरी हुई है. इसमें शाहिद ने महारावल रतन सिंह, दीपिका ने महारानी पद्मावती और रणवीर सिंह ने अलाउद्दीन खिलजी की भूमिकाएं निभाई हैं. इस फिल्म को मंगलवार (23 जनवरी) को दिल्ली और मुंबई में पत्रकारों को दिखाया गया.

  1. शाहिद ने महारावल रतन सिंह, दीपिका ने पद्मावती और रणवीर सिंह ने अलाउद्दीन की भूमिकाएं निभाई है. 
  2. इस फिल्म को मंगलवार (23 जनवरी) को दिल्ली और मुंबई में पत्रकारों को दिखाया गया.
  3. पहले यह फिल्म एक दिसंबर को रिलीज होनी थी, लेकिन सेंसर प्रमाणपत्र नहीं मिलने पर इसकी रिलीज टल गई.

फिल्म देखने से पहले ही राजपूत संगठनों का उग्र प्रदर्शन इन दिनों राष्ट्रीय मीडिया में छापा हुआ है और अब इन संगठनों का प्रदर्शन व्यर्थ लगता है क्योंकि फिल्म दरअसल राजपूत गौरव के कसीदे पढती है. राजपूत करणी सेना जैसे कुछ संगठनों ने कहा है कि फिल्म इतिहास को तोड़मरोड़कर पेश करती है और उनकी महारानी पद्मावती तथा राजपूत गौरव का अपमान करती है. इतिहासकारों के बीच इस बात पर मतभेद हैं कि महारानी का वास्तव में अस्तित्व था भी या नहीं.

वास्तव में यह फिल्म राजपूत करणी सेना की तरह राजपूतों के सम्मान की ही बात करती है. इस फिल्म की शुरुआत कई ‘डिस्क्लेमर’ के साथ होती है जिसमें यह भी शामिल है जो कहता है कि इसका इतिहास से कोई संबंध नहीं है और यह 16वीं सदी के कवि मलिक मुहम्मद जायसी की रचना ‘पद्मावत’ पर आधारित है. एक अन्य डिस्क्लेमर में कहा गया कि इसकी किसी की भावनाओं को आहत करने की मंशा नहीं है.

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फिल्म आगे बढ़ने पर राजपूत सम्मान में कई पंचलाइन साबित करती हैं कि राजनीतिक रूप से प्रेरित प्रदर्शन बेबुनियाद हैं. एक बिन्दु पर पद्मावती की तुलना यमराज से अपने पति को बचाने वाली सावित्री से की जाती है. कई जगह यह भी दिखाया गया है कि महारानी कितनी बुद्धिमान थीं.

पहले यह फिल्म एक दिसंबर को रिलीज होनी थी, लेकिन सेंसर प्रमाणपत्र नहीं मिलने पर इसकी रिलीज टल गई. सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म में पांच सुधार करने को कहा था जिसमें नाम ‘पद्मावती’ से ‘पद्मावत’ करना भी शामिल था. करणी सेना ने पद्मावती के लोगों के सामने राजस्थानी लोक नृत्य घूमर करने पर आपत्ति जताई थी, लेकिन इस गीत से पहले डायलॉग ‘‘हुकुम के सिवा घूमर पर कोई नहीं आ सकता’’, उनकी इस आपत्ति को खारिज करता है.

सेंसर बोर्ड ने निर्माताओं से यह डिस्क्लेमर लगाने को भी कहा था कि फिल्म सती होने की परंपरा का महिमामंडन नहीं करती. दीपिका ने पद्मावती की भूमिका निभाते हुए कई दमदार डायलॉग बोले हैं जिसमें एक ‘‘राजपूती कंगन में उतनी ही ताकत होती है जितनी राजपूती तलवार में’’ है.

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