चुनाव में धांधली रोकने का EC ने किया उपाय, 100 मिनट में होगी कार्रवाई
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चुनाव में धांधली रोकने का EC ने किया उपाय, 100 मिनट में होगी कार्रवाई

चुनाव आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिये मतदाताओं की शिकायत का समाधान अधिकतम 100 मिनट में करने का विकल्प मुहैया कराया है.

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान ‘सी विजिल’ ऐप का बेंगलुरु विधानसभा क्षेत्र में सफल प्रयोग किया गया था. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिये मतदाताओं की शिकायत का समाधान अधिकतम 100 मिनट में करने का विकल्प मुहैया कराया है. मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने मंगलवार (3 जुलाई) इसके लिये 'सी विजल' नामक मोबाइल ऐप की शुरुआत करते हुए कहा, 'चुनावी गड़बड़ियों पर तत्काल लगाम लगाने के लिए तकनीक के माध्यम से मतदाताओं को निगरानी की जिम्मेदारी से लैस करने की दिशा में यह क्रांतिकारी कदम साबित होगा.' मतदान में दिव्यांगजनों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में रावत ने मोबाइल ऐप ‘सी विजिल' और सिंगल विंडो समाधान की सुविधा से लैस वेबपोर्टल ‘स्वीप’ की शुरुआत की. 

कर्नाटक विस चुनाव में प्रयोग रहा था सफल
उन्होंने बताया कि हाल ही में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान ‘सी विजिल’ ऐप का बेंगलुरु विधानसभा क्षेत्र में सफल प्रयोग किया गया था. इस साल के अंत में होने वाले 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मतदाता ‘सी विजिल’ का इस्तेमाल कर सकेंगे. उपचुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने बताया कि कोई भी व्यक्ति एन्ड्रॉयड आधारित ‘सी विजिल’ ऐप को मोबाइल फोन में डाउनलोड कर सकता है. वह इसकी मदद से चुनाव के दौरान भ्रष्टाचार सहित अन्य गड़बड़ियों की शिकायत करने के लिए तस्वीर या वीडियो को बतौर साक्ष्य भेज सकेंगे. इसमें शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखी जाएगी. सक्सेना ने बताया कि सबूत आधारित शिकायत का समयबद्ध निस्तारण करने के लिए अधिकतम 100 मिनट की समयसीमा तय की गई है.

जीपीएस की मदद से चलेगा ऐप
जीपीएस
की मदद से शिकायत वाले स्थान की पहचान कर संबद्ध क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी उक्त स्थान पर पहुंच कर कार्रवाई करेंगे. रावत ने कहा, ‘‘सी विजिल ना सिर्फ मतदाताओं को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान के प्रति अधिकार सम्पन्न बनायेगा बल्कि इससे निर्वाचन अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होगी.' उन्होंने मतदाता बनने से लेकर मतदान में भागीदारी सुनिश्चित करने तक की राह में आने वाली सभी संभावित बाधाओं के समाधान के लिये वेबपोर्टल ‘स्वीप’ को उपयोगी बताते हुए कहा कि मतदाताओं के बीच इसे लोकप्रिय बनाने के हरसंभव उपाय किये जा रहे हैं. दो दिवसीय सम्मेलन में अशोक लवासा और सुनील अरोड़ा के अलावा राज्यों के निर्वाचन अधिकारी भी मौजूद थे.

दिव्‍यांगों का मताधिकार बढ़ाने को मांगे सुझाव
रावत ने मतदान में दिव्यांगजनों की भागीदारी बढ़ाने के लिये दो दिन के विमर्श में सभी राज्यों के निर्वाचन अधिकारियों, सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से अपने सुझाव देने का आह्वान किया. उन्होंने निर्वाचन कानून और प्रक्रिया में सुधार से जुड़े उपयोगी सुझावों को भविष्य की कार्ययोजना का हिस्सा बनाने का आश्वासन देते हुये कहा कि इस कवायद का मकसद ऐसी दिव्यांग हितैषी मतदान प्रक्रिया विकसित करना है जिसे अन्य देश भी अपनाना चाहें. रावत ने कहा कि सभी देशों में दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशील व्यवस्थाओं के विकास पर जोर दिया जा रहा है. इस दिशा में दिव्यांगों के प्रति सामान्य व्यक्तियों की संवेदनशीलता सबसे अहम कारक है और इसे जागरुकता के माध्यम से ही सुनिश्चित किया जा सकता है. इसमें ईवीएम मशीन को ब्रेल संकेतों से लैस करने और मतदान केन्द्र पर दिव्यांगों की मदद के लिये निर्वाचन अधिकारियों की मौजूदगी, मतदान केन्द्रों तक दिव्यांगों की पहुंच सुगम बनाने सहित अन्य उपाय शामिल हैं.

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