नेशनल मेडिकल कमीशन की ओर से नए प्रावधानों के लागू होने के बाद एलोपैथी के डॉक्टरों की अलग से पहचान की जा सकेगी. वे अब अपने नाम के आगे मेडिकल डॉक्टर लिख सकेंगे.
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नई दिल्ली: नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने यह ऐलान किया है कि एमबीबीएस डिग्रीधारी या एलोपैथी के रजिस्टर्ड डॉक्टर्स आने वाले समय में अपने नाम के आगे डॉक्टर की बजाय मेडिकल डॉक्टर लिख सकेंगे. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट 2019 के तहत रजिस्टर्ड डॉक्टरों के लिए पेशेवर आचार संहिता का जो मसौदा (Draft) जारी किया है, उसमे इसका प्रावधान भी किया गया है. ऐसे में एलोपैथी के डॉक्टरों की पहचान आसानी से की जा सकेगी.
बता दें कि कई ऐसे लोग हैं, जो अपने नाम के आगे डॉक्टर लिखते हैं, जैसे - एलोपैथी, आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा के रजिस्टर्ड डॉक्टर्स. वहीं पीएचडी करने वाले भी अपने नाम के आगे डॉक्टर लिखते हैं. कई बार जिन लोगों को डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी जाता है, वे भी अपने नाम के आगे डॉक्टर लिखते हैं. ऐसे में यह पहचानना मुश्किल हो जाता है कि कौन मेडिकल डॉक्टर है और कौन नहीं है.
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नेशनल मेडिकल कमीशन की ओर से नए प्रावधानों के लागू होने के बाद एलोपैथी के डॉक्टरों की अलग से पहचान की जा सकेगी. वे अब अपने नाम के आगे मेडिकल डॉक्टर लिख सकेंगे. बता दें कि एनएमसी की तरफ से सोमवार को जारी किए गए मसौदे के मुताबिक, अगर कोई डॉक्टर विदेश से पढ़कर आया है तो उसी डिग्री के नाम के साथ उसका उल्लेख होगा, जिसे एनएमसी ने भारतीय डिग्री या डिप्लोमा के समकक्ष मंजूरी दी होगी.
बता दें कि कोई भी एलोपैथी डॉक्टर किसी भी क्षेत्र में विशेषज्ञता के होने का दावा तभी कर सकेगा, जब उस विषय में उसने अलग से कोई कोर्स किया हो. केवल अनुभव के आधार पर डॉक्टर विशेषज्ञता का दावा नहीं कर सकते हैं.