जानें कैसे ये शख्स छाते में कलाकारी कर बन गया करोड़पति, आज दुनियाभर में बिकते हैं इनके छाते
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जानें कैसे ये शख्स छाते में कलाकारी कर बन गया करोड़पति, आज दुनियाभर में बिकते हैं इनके छाते

Millionaire Umbrella Seller Pratik Doshi Success Story: प्रतीक कहते हैं कि 9 से 5 की जॉब करके दूसरों को अमीर बनाने से अच्छा है खुद के लिए काम करों और अच्छा पैसा कमाओ.

जानें कैसे ये शख्स छाते में कलाकारी कर बन गया करोड़पति, आज दुनियाभर में बिकते हैं इनके छाते

Millionaire Umbrella Seller Pratik Doshi Success Story: अक्सर स्टूडेंट्स कॉलेज से पास होने के बाद यही सोचते हैं, कैसे भी करके एक अच्छी कंपनी में उनकी जॉब लग जाएं. वहीं हजारों में कोई एक ऐसा होता है, जो यह सोच रखता है कि मैं 9 से 5 की जॉब करके किसी और अमीर क्यों बनाउं. इससे अच्छा है कि मैं खुद के लिए काम करूं और खुद ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाउं. आज हम आपको ऐसी ही सोच रखने वाले शख्स के बारे में बताएंगे.

डिजाइनदार कलरफुल छाते बनाने का आया ख्याल
दरअसल हम बात कर रहे हैं प्रतीक दोषी की, जो केवल छाता बेचकर आज करोडों रुपये कमा रहे हैं. प्रतीक ने जब अपना MBA कम्पलीट किया, तो उसके बाद उनका मन कुछ अपना काम करने का था. वो 9 से 5 वाली नहीं करना चाहते थे. ऐसे में एक दिन मुंबई लोकल में सफर करते हुए उन्होंने देखा कि लोग धूप और बारिश से बचने के लिए छाते का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन ज्यादातर छाते काले रंग के ही होते हैं, जो देखने में काफी बोरिंग से लगते हैं. उसी समय प्रतीक के दिमाग में डिजाइनदार कलरफुल छाते बनाने का ख्याल आया. 

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6 महीनें में बिकी केवल 800 छतरियां 
इसके बाद उन्होंने इसका ब्लू प्रिंट तैयार किया और डिजाइनर से डिजाइन तैयार करवाए, लेकिन जब पब्लिशर ने ये डिजाइन देखे, तो उन्होंने इसे प्रिंट करने से मना कर दिया. करीब 11 पब्लिशर द्वारा मना किए जाने के बाद 12वें पब्लिशर को प्रतीक के डिजाइन और आईडिया काफी यूनीक लगे, जिसके बाद उन्होंने प्रतीक के डिजाइन को प्रिंट कर दिया और उसकी मार्केटिंग पर काम करना शुरू कर दिया. हालांकि, प्रतीक अगले 6 महीनें में केवल 800 छतरियां ही बेच पाए थे. जिसके बाद उन्हें घर वालों के ताने और दोस्तों द्वारा उड़ाई गई खिल्ली भी सहन करनी पड़ी. 

पहली छतरी अपने पिता को बेची 
हालांकि, एक दिन ऐसे ही प्रतीक के एक दोस्त नें उन्हें उनका बिजनेस ऑनलाइन ले जाने की सलाह दी, जिसके बाद उन्होंने अपना बिजनेस पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया. बिजनेस को ऑनलाइन ले जाने में उन्हें काफी डर लग रहा था. उन्हें डर था कि उनकी छतरी कोई खरीदेगा भी या नहीं. इसलिए उन्होंने अपना सबसे पहली छतरी अपने पिता को बेची, ताकि उन्हें तसल्ली हो सके कि उनकी एक छतरी बिक चुकी है. 

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ऐसे बन गए करोड़पति
वहीं, बिजनेस को ऑनलाइन ले जाने का फैसला सही साबित हुआ और कुछ समय में ही देश भर में लोगों को उनके स्टार्टअप और उनकी छतरियों के बारे में पता लग गया. देश भर में उनकी छतरियों की सेल काफी बढ़ गई और देखते ही देखते वे केवल 2 सप्ताह के भीतर Amazon पर छतरी बेचने वालो की बेस्ट सेलर की लिस्ट में शामिल हो गए और इसी तरह इस आइडिया ने प्रतीक को आज मिलेनियर बिजनेस मैन बना दिया है.

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