एंटी सीएए प्रोटेस्ट में महिलाओं-बच्चों को बनाया शील्ड, दिल्ली पुलिस का HC में जवाब
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एंटी सीएए प्रोटेस्ट में महिलाओं-बच्चों को बनाया शील्ड, दिल्ली पुलिस का HC में जवाब

प्रदर्शन में महिलाओं और बच्चों को शील्ड की तरह आगे रख कर इस्तेमाल किया गया. जिससे पुलिस कोई कार्रवाई करने में असमर्थ हो गई.

एंटी सीएए प्रदर्शन के दौरान जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे की फाइल फोटो

नई दिल्ली: नॉर्थ ईस्ट दिल्ली दंगा (North East Delhi Riots) के मामले में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि दिसंबर 2019 में उन्होंने एंटी सीएए प्रोटेस्ट की शुरुआत के दौरान 10 एफआईआर दर्ज की थी. साथ ही वो बार-बार प्रदर्शनकारियों से अनुरोध कर रहे थे कि उनके प्रदर्शन की वजह से रास्ते बंद हैं जिससे बड़ी संख्या में लोग परेशान हो रहे हैं, लॉ एंड आर्डर खराब हो रहा है. लेकिन प्रदर्शनकारियों पर इसका कोई प्रभाव नही पड़ा. प्रदर्शन में महिलाओं और बच्चों को शील्ड की तरह आगे रख कर इस्तेमाल किया गया. जिससे पुलिस कोई कार्रवाई करने में असमर्थ हो गई.

बता दें कि 22 फरवरी 2020 को तकरीबन 10 हजार प्रदर्शकारियों ने जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे रोड पर आकर प्रदर्शन करने लगे. ये सभी लोग एक ही समुदाय के लोग थे और यहां भी महिलाओं और बच्चों को शील्ड की तरह इस्तेमाल किया गया था. जब ये रास्ता ब्लॉक हो गया तब लोगों को काफी दिक्कत होने लगी थी. 23 फरवरी 2020 को मौजपुर इलाके से कुछ लोग आए और प्रदर्शन करने वाले लोगों को यहां से उठाने की मांग करने लगे तब हिंसा हुई. जिन प्रदर्शनकारियों ने जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर 22 फरवरी 2020 की रात को आकर रोड ब्लॉक किया था इस बारे में पुलिस को पहले से कोई जानकारी प्रदर्शनकारियों ने नहीं दी थी या इजाजत ली थी.

फिलहाल अभी तक नार्थ ईस्ट हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस 750 से ज्यादा एफआईआर दर्ज कर चुकी है. जिसमें से 174 मामलों में कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट दायर की जा चुकी है और बाकी मामले में जांच जारी है.

कोरोना महामारी के संक्रमण को बढ़ता देखते हुए गृह मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी करके सभी प्रदर्शन स्थर खाली करने को कहा था. फिर सारे प्रदर्शन स्थल को खाली करवा लिया गया.

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एंटी सीएए प्रदर्शन के खिलाफ वारिस पठान, सलमान खुर्शीद और असदुद्दीन ओवैसी एंटी सीएए प्रोटेस्ट कर रहे लोगों को भड़काने के मामले के जांच चल रही है समेत अन्य नेताओ द्वारा दिये गए भड़काऊ भाषण से दिल्ली में हिंसा हुई है. इस बाबत अभी जांच चल रही है.

आपको बता दे कि याचिकाकर्ता अजय गौतम ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर करके मांग की थी कि वारिस पठान, सलमान खुर्शीद, असदुद्दीन ओवैसी समेत अन्य नेताओं द्वारा दिए गए बयानों पर मुकदमा दर्ज हो क्योकि इनके भड़काऊ भाषण से नार्थ ईस्ट दिल्ली में हिंसा हुई.

साथ ही जहां जहां पर प्रदर्शन कर रहे लोगों की वजह से रोड ब्लॉक हुआ है उसे खाली करवाए दिल्ली पुलिस. साथ ही दिल्ली पुलिस एंटी सीएए प्रोटेस्ट को दिल्ली पुलिस सही तरीके से हैंडल करती तो नार्थ ईस्ट दिल्ली में हिंसा नही होता.

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