Bollywood Legend: धर्मेंद्र को लगता था मनहूस है यह कहानी, मगर हेमा ने बात नहीं मानी, फिल्म की और फिर...
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Bollywood Legend: धर्मेंद्र को लगता था मनहूस है यह कहानी, मगर हेमा ने बात नहीं मानी, फिल्म की और फिर...

Hema Malini Film: क्या कोई फिल्म भी शुभ, अशुभ या मनहूस होती हैॽ कई बार ऐसी बातें हो जाती हैं, तो फिल्म से जुड़े लोगों के मन में इस तरह की बातें पैदा कर देती हैं. प्रसिद्ध उपन्यास एक चादर मैली सी के साथ कुछ ऐसी ही बात जुड़ी थी. जिससे धर्मेंद्र डर रहे थे. उन्होंने हेमा मालिनी से बार-बार कहा कि वह यह फिल्म न करें, मगर हेमा नहीं मानीं...

 

Bollywood Legend: धर्मेंद्र को लगता था मनहूस है यह कहानी, मगर हेमा ने बात नहीं मानी, फिल्म की और फिर...

Film Ek Chadar Maili Si: हेमा मालिनी की यादगार फिल्मों में एक चादर मैली सी (1986) को भी शुमार किया जाता है. उनकी यह भूमिका इसलिए भी खास है क्योंकि फिल्म से पहले उन्होंने ऐसी भूमिका नहीं निभाई थी. लेकिन यह बात भी उतनी ही सच है कि धर्मेंद्र नहीं चाहते थे कि हेमा मालिनी यह फिल्म करें. तब तक दोनों की शादी हो चुकी थी और धर्मेंद्र को लगता था कि यह फिल्म मनहूस है. इसलिए उन्होंने हेमा मालिनी को यह फिल्म करने से मना किया था. परंतु हेमा ने उनकी बात नहीं मानी. उनका कहना था कि यह धर्मेंद्र का सिर्फ भ्रम है. हेमा ने यह फिल्म की और धर्मेंद्र को गलत भी साबित किया.

रानो की कहानी
धर्मेंद्र क्यों हेमा को यह फिल्म करने से मना कर रहे थे और क्यों इस फिल्म को मनहूस कह रहे थे, उसके पीछे एक कहानी है. दरअसल यह फिल्म राजेंद्र सिंह बेदी के मशहूर उर्दू उपन्यास एक चादर मैली-सी पर आधारित थी. कई साल पहले गीता बाली इसे बनाना चाहती थीं. इसके लिए पहले उन्होंने राजेश खन्ना को फाइनल किया. लेकिन बाद में राजेश खन्ना को रिप्लेस करके इस फिल्म के लिए धर्मेंद्र को साइन कर लिया. यह फिल्म तब रानो नाम से बनाई जा रही थी. गीता बाली खुद रानो का किरदार निभाने वाली थीं.

डर गए धर्मेंद्र
धर्मेंद्र तथा गीता बाली के साथ मीना राय की भी फिल्म में मुख्य भूमिका थी. लेकिन अचानक गीता बाली बीमार पड़ गई. उन्हें खसरा हो गया था, जिसके कारण वह कुछ ही महीनों में चल बसी. उनके गुजरने के बाद फिल्म को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. यही कारण है कि जब वही फिल्म फिर से बनाने की बात चली और हेमा मालिनी को रानो का रोल ऑफर हुआ तो धर्मेंद्र ने इस फिल्म को मनहूस कहकर मना कर दिया. वह फिल्म करते हुए गीता बाली के बीमार होने और गुजर जाने की बात से डरे हुए थे. उन्हें डर था कि कहीं यह फिल्म हेमा मालिनी के लिए अपशकुनी साबित न हो.

ये रिश्ता क्या कहलाता है
1986 में आई इस फिल्म को सुखवंत ढड्ढा ने निर्देशित किया था. हेमा मालिनी के साथ ऋषि कपूर, पूनम ढिल्लो और कुलभूषण खरबंदा की फिल्म में मुख्य भूमिकाएं थी. फिल्म रानो (हेमा मालिनी) नाम की ऐसी महिला की कहानी थी जो अपने पति, देवर, सास-ससुर तथा दो बच्चों के साथ गांव में सादा जीवन जी रही है. उस पर तब दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है, जब एक दिन गलतफहमी के चलते एक लड़का उसके पति (कुलभूषण खरबंदा) की हत्या कर देता है. पति की हत्या के बाद, रानो को अपने देवर मंगल (ऋषि कपूर) से शादी करने के लिए मजबूर किया जाता है, जो उससे दस साल छोटा है. देवर भी शादी के खिलाफ है. वह गांव की एक लड़की राजी (पूनम ढिल्लो) से प्यार करता है. लेकिन गांव की कुप्रथा और घर तथा गांववालों के दबाव के चलते उसे अपनी ही भाभी को चादर ओढ़ाना पड़ती है यानी उसे अपनी ही भाभी से शादी करनी पड़ती है.

 

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