IAS Story: कौन हैं ये DM जिन्होंने स्कूल के प्रिंसिपल को 'ऑन द स्पॉट' कर दिया सस्पेंड!
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IAS Story: कौन हैं ये DM जिन्होंने स्कूल के प्रिंसिपल को 'ऑन द स्पॉट' कर दिया सस्पेंड!

IAS Mayur Dixit Success Story:  मयूर का कहना है कि प्राइवेट नौकरी भी उतनी ही जरूरी है, जितनी सरकारी सेक्टर की जॉब. इंजीनियरिंग करने के बाद मयूर का इतनी जल्दी नौकरी ज्वाइन करने का मन नहीं था. वह अपने स्किल को और बढ़ाना चाहते थे.

IAS Story: कौन हैं ये DM जिन्होंने स्कूल के प्रिंसिपल को 'ऑन द स्पॉट' कर दिया सस्पेंड!

IAS Mayur Dixit: जब कोई किसी ऊंचे सरकारी पद पर होता है तो उसके ऊपर जिम्मेदारियां भी उतनी ही ज्यादा होती हैं. जब बात किसी जिला के डीएम की हो तो जिम्मेदारियां भी फिर बहुत होंगी. उस जिले में होने वाले हर अच्छे बुरे काम की जिम्मेदारी उनकी होती है. आज हम बात कर रहे हैं रुद्रप्रयाग के डीएम मयूर दीक्षित की. मयूर दीक्षित बच्चों की पढ़ाई को लेकर चर्चा में आए हैं. 

आईएएस मयूर दीक्षित (IAS Mayur Dixit) 2013 बैच अफसर हैं, जिन्होंने भारतीय सिविल सेवा परीक्षा 2012 में 11वीं रैंक प्राप्त की थी, इससे पहले उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी. रुद्रप्रयाग के डीएम बनने से पहले आईएएस मयूर दीक्षित उत्तरकाशी जिले के जिलाधिकारी थे. 

मयूर दीक्षित की गिनती तेजतर्रार अफसरों की की जाती हैं और जितने शानदार तरीके से काम करते हैं उतने ही जमीन से भी जुड़े हुए भी है. जब वह उत्तरकाशी की डीएम थे तब वह कई बार अपने सरकारी आवास से घर पर आना जाना साइकिल से भी करते थे. 

उन्हें लगता है कि हमारे स्कूल के दिनों में हम अलग अलग लोगों से मिलते हैं. कुछ बच्चे डॉक्टर या इंजीनियर बनना चाहते हैं और कुछ एक्टर या नेता बनना चाहते हैं. एक मीडियम परिवार से होने के कारण, यह पहले से तय था कि उन्हें अपनी सीनियर सेकेंडरी में साइंस स्ट्रीम लेनी है और फिर इंजीनियरिंग करनी है. उन्होंने IIT-JEE परीक्षा पास करने के लिए कोचिंग की और IIT, कानपुर से इंजीनियरिंग की.

इंजीनियरिंग करने के बाद मयूर का इतनी जल्दी नौकरी ज्वाइन करने का मन नहीं था. वह अपने स्किल को और बढ़ाना चाहते थे और पब्लिक रिलश और मैनेजमेंट सीखना चाहते थे. उन्होंने कैट परीक्षा की तैयारी शुरू की और इसे पास कर लिया. मयूर ने IIM, बैंगलोर से MBA किया और मुंबई में एक मल्टीनेशनल कंपनी में शामिल हो गए और वहां तीन साल तक काम किया.

कंपनी के काम, डिवेलपमेंट और कल्चर को देखने के बाद और अब पब्लिक डीलिंग में भी समझ होने के बाद, उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी करने का फैसला किया. उनका कहना है कि लोगों के लिए कुछ करने का उत्साह और ऐसी स्थिति में होना जो हमारे आसपास की चीजों को बेहतर बनाने में मदद कर सके, वह हमेशा उनके पास था. नौकरी के दौरान ही उन्होंने आईएएस परीक्षा की तैयारी की और 2013 में इसे पास कर लिया.

मयूर का कहना है कि प्राइवेट नौकरी भी उतनी ही जरूरी है, जितनी सरकारी सेक्टर की जॉब. उनका कहना है कि उनका जिला हिमालयी है और यहां की हर चीज सरकार मुहैया कराती है. हालांकि, मुंबई और दिल्ली जैसे बड़े शहरों में, निजी प्लेयर सरकार के रूप में जरूरी भूमिका निभाते हैं. अत: दोनों की उपस्थिति राष्ट्र के लिए जरूरी है.

रुद्रप्रयाग के जखोली ब्लॉक में राजकीय इंटर कॉलेज क्वीलाखाल के प्रिंसिपल पर नशे में धुत होकर स्टूडेंट्स और स्टाफ पर बदसलूकी करने के आरोप है. मामले की शिकायत मिलने पर डीएम मयूर दीक्षित ने प्रिंसिपल को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने के आदेश सीईओ को दे दिए हैं. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि ऐसी हरकत माफी के लायक नहीं है. उन्होंने मामले की जांच कर 3 दिन में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया.

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