तेल टैंकरों पर हमले के बाद बढ़ा संकट, UAE ने कहा- मैं करूंगा तेल और LPG की सप्लाई
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तेल टैंकरों पर हमले के बाद बढ़ा संकट, UAE ने कहा- मैं करूंगा तेल और LPG की सप्लाई

भारत अपनी कुल तेल जरूरतों का 83 प्रतिशत आयात से पूरा करता है और रसोई गैस की कुल जरूरत में से आधे हिस्से के लिये यूएई जैसे देशों पर निर्भर है.

वर्तमान में तेल मार्कट में उथल-पुथल जारी है. (फाइल)

नई दिल्ली: पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि तेल निर्यातक देशों का संगठन ओपेक (OPEC) का सदस्य देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने होर्मुज जल संधि क्षेत्र में बाधाओं के बावजदू भारत को तेल एवं एलपीजी की अबाध आपूर्ति करने का भरोसा दिया है. भारत अपनी कुल तेल जरूरतों का 83 प्रतिशत आयात से पूरा करता है और रसोई गैस की कुल जरूरत में से आधे हिस्से के लिये यूएई जैसे देशों पर निर्भर है. प्रधान ने ट्विटर पर लिखा है कि पिछले सप्ताह दो तेल टैंकरों पर हमलों के बाद खाड़ी क्षेत्र में तनाव को लेकर उनकी यूएई मंत्री और अबू धाबी नेशनल आयल कंपनी (एडीएनओसी) समूह सीईओ सुल्तान अहमद अल जाबेर के साथ टेलीफोन पर बातचीत हुई. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘होर्मुज जल संधि में बाधाओं के कारण आपूर्ति को लेकर चिंता जतायी. डा. जाबेर ने मुझे बाधाओं के बावजूद तेल और एलपीजी की आपूर्ति का भरोसा दिया है.’’ 

पिछले सप्ताह तेल टैंकरों पर हमलों से होर्मुज जल संधि के रास्ते आपूर्ति को लेकर चिंता बढ़ी है. दुनिया की तेल आपूर्ति में से पांचवां हिस्से की आपूर्ति इसी रास्ते होती है. प्रधान ने कहा, ‘‘यूएई के मंत्री तथा एडीएनओसी समूह के सीईओ डा. सुल्तान अहमद अल जाबेर के साथ बातचीत हुई और हाइड्रोकार्बन के क्षेत्र में संबंधों को और मजबूत बनाने के उपायों पर चर्चा हुई.’’ बातचीत के दौरान उन्होंने भारत के रणनीतिक तेल भंडार कार्यक्रम में यूएई की प्रमुख भूमिका पर भी बातचीत की. प्रधान ने कहा कि उन्होंने ओपेक महासचिव मोहम्मद बारकिन्डो से भी फोन पर बातचीत की. उन्होंने कहा, ‘‘बारकिन्डो ने भारत को ओपेक के महत्वपूर्ण भागीदार की बात दोहरायी और दोनों पक्षों के बीच गठजोड़ केा और मजबूत बनाने में उत्सुकता जतायी.’’ 

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ओपेक महासचिव के साथ बातचीत के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘तेल बाजार की मौजूदा गतिविधियों और जारी आपूर्ति बाधाओं की समीक्षा की. तेल कीमतों में उतार-चढ़ाव तथा भरतीय ग्राहकों के समक्ष चुनौतियों को लेकर चिंता जतायी. प्रधान ने कहा, ‘‘भारत तेल के वाजिब दाम को लेकर ओपेक के साथ काम करता रहेगा. यह उत्पादकों और उपभोक्ताओं दोनों के हित में है.’’ उन्होंने कहा कि चौथे भारत-ओपेक उच्च स्तरीय संस्थागत वार्ता जल्दी कराने की दिशा में काम करने का निर्णय किया गया.

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