Travel Insurance Benefits: अगर ट्रेन हादसे का शिकार हो जाती है तो रेलवे इंश्योरेंस होने पर बीमा कंपनी नुकसान की भरपाई करती है. पैसेंजर को हुए नुकसान के मुताबिक बीमा की राशि मिलती है.
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Railway News: ट्रैवलिंग किसे पसंद नहीं होती. कई लोग तो घूमने को ही अपनी जिंदगी मानते हैं. जबकि फैमिली वाले तो लॉन्ग वीकेंड्स या फिर छुट्टियों का ही इंतजार करते रहते हैं. भारत में लाखों-करोड़ों लोग ट्रेन से यात्रा करते हैं. ऐसे में हम आपको रेलवे की एक सुविधा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे आप नजरअंदाज नहीं कर पाएंगे. अगर सफर के दौरान ट्रेन हादसे का शिकार हो जाए तो आपको आर्थिक मदद मिलती है. ये सुविधा है ट्रैवल इंश्योरेंस.
क्या है ट्रैवल इंश्योरेंस?
ऑनलाइन रेल टिकट बुक कराने वालों को रेलवे ट्रैवल इंश्योरेंस का विकल्प देता है. लेकिन बहुत कम लोग इसे चुनते हैं. वजह है कि लोग इस बारे में जानते ही नहीं हैं. हैरानी की बात है कि एक रुपये से भी कम के इंश्योरेंस में पैसेंजर को 10 लाख रुपये का कवर मिलता है. आप टिकट बुक करते वक्त ट्रैवल इंश्योरेंस लेते हैं तो अगर यात्रा के वक्त ट्रेन हादसे का शिकार हो जाती है या कोई नुकसान होता है तो बीमा कंपनी भरपाई करती है.
कैसे उठाएं फायदा?
ऑनलाइन टिकट बुक कराते वक्त वेबसाइट या ऐप पर रेलवे ट्रैवल इंश्योरेंस का विकल्प आता है. लोग आमतौर पर इस पर ध्यान नहीं देते. लेकिन अगली बार आप इस विकल्प को चुनें. इसके लिए आपसे मामूली फीस ली जाएगी. यह विकल्प चुनने पर ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबर पर एक लिंक आएगा. यह लिंक कंपनी की ओर से आता है. इस लिंक को खोलकर नॉमिनी की डिटेल भरें क्योंकि नॉमिनी होने पर बीमा पॉलिसी की रकम मिलना आसान हो जाता है.
क्लेम कितना मिलेगा?
अगर ट्रेन हादसे का शिकार हो जाती है तो रेलवे इंश्योरेंस होने पर बीमा कंपनी नुकसान की भरपाई करती है. पैसेंजर को हुए नुकसान के मुताबिक बीमा की राशि मिलती है. अगर यात्री की मौत हादसे में हो जाती है तो 10 लाख रुपये की बीमा राशि मिलती है. अगर यात्री रेल हादसे में विकलांग हो जाता है तो उसे भी कंपनी की ओर से 10 लाख रुपये मिलेंगे. आंशिक या स्थाई विकलांगता होने पर 7.5 लाख और घायल होने पर 2 लाख रुपये अस्पताल के खर्च के तौर पर मिलते हैं.
नॉमिनी जरूर डालें.
रेल हादसे के वक्त घायल शख्स, नॉमिनी या फिर उसका उत्तराधिकारी बीमा कंपनी के पास जाकर क्लेम कर सकता है. यह क्लेम दुर्घटना के 4 महीने में किया जा सकता है. इंश्योरेंस कंपनी के दफ्तर में जाकर क्लेम फाइल किया जा सकता है.
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