Tax Saving: टैक्स बचाना है तो करें ये काम, मार्च के महीने में ही करना जरूरी
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Tax Saving: टैक्स बचाना है तो करें ये काम, मार्च के महीने में ही करना जरूरी

Public Provident Fund: पुराने टैक्स रिजीम के तहत अगर कोई शख्स टैक्स दाखिल करता है तो उसे टैक्सेबल इनकम पर टैक्स चुकाना होगा. वहीं इस टैक्स रिजीम में इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत छूट भी हासिल की जा सकती है. ऐसे में अगर आपको भी पुराने टैक्स रिजीम के तहत टैक्स दाखिल करना है तो मार्च के महीने में ही कुछ काम करके टैक्स बचाया जा सकता है.

Tax Saving: टैक्स बचाना है तो करें ये काम, मार्च के महीने में ही करना जरूरी

Tax Saving: टैक्स भरने की तारीख नजदीक आती जा रही है. अप्रैल के महीने से इनकम टैक्स दाखिल करने की प्रक्रिया की शुरुआत भी हो जाएगी. इस बीच अप्रैल से पहले ही एक काम करना काफी जरूरी है. इस काम को करने से टैक्स सेविंग में बचत हो सकती है. हाल ही में बजट 2023 को पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब में इजाफा किया था. नए बदलाव के तहत अब नए टैक्स रिजीम से टैक्स दाखिल करने पर सालाना सात लाख रुपये की इनकम तक कोई टैक्स नहीं दाखिल करना होगा. हालांकि पुराने टैक्स रिजीम में ये लिमिट नहीं बढ़ाई गई है.

इनकम टैक्स
पुराने टैक्स रिजीम के तहत अगर कोई शख्स टैक्स दाखिल करता है तो उसे टैक्सेबल इनकम पर टैक्स चुकाना होगा. वहीं इस टैक्स रिजीम में इनकम टैक्स एक्ट के की धारा 80C के तहत एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक की छूट भी हासिल की जा सकती है. ऐसे में अगर आपको भी पुराने टैक्स रिजीम के तहत टैक्स दाखिल करना है तो मार्च के महीने में ही कुछ काम करके टैक्स बचाया जा सकता है, ताकी इस फाइनेंशियल ईयर में टैक्स बचाया जा सके.

टैक्स में बचत
Old Tax Regime के तहत 2.5 लाख रुपये की सालाना इनकम से लेकर 5 लाख रुपये तक की सालाना इनकम तक 5 फीसदी का टैक्स लगता है और 5 लाख रुपये की सालाना इनकम पर रिबेट भी हासिल हो जाती है. ऐसे में 5 लाख रुपये से ऊपर की इनकम पर टैक्स लगना शुरू हो जाती है. अगर कोई शख्स Old Regime के तहत टैक्स दाखिल करता है और उसकी इनकम 5 लाख रुपये से ऊपर है तो वो टैक्स बचाने के लिए टैक्स सेविंग स्कीम में पैसा इंवेस्ट कर सकता है.

टैक्स सेविंग स्कीम
टैक्स सेविंग स्कीम के तहत पीपीएफ यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके तहत मिनिमम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये एक वित्त वर्ष में निवेश किया जा सकता है. वहीं इस स्कीम में 15 साल की मैच्योरिटी होती है. फिलहाल इस स्कीम में सालाना 7.1 फीसदी का ब्याज कंपाउडिंग आधार पर दिया जा रहा है. साथ ही इस स्कीम के तहत मिलने वाली राशि और इंवेस्ट की जाने वाली राशि पर टैक्स बचाया जा सकता है.

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