प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को भारत की ऊर्जा पर्याप्तता और सुरक्षा लक्ष्यों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन शुरू करने की घोषणा की. अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में, प्रधानमंत्री ने ऊर्जा स्वतंत्रता की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि इस योजना के तहत भारत को हरित हाइड्रोजन प्रोडक्शन और निर्यात के लिए एक ग्लोबल हब बनाना है.
उन्होंने कहा कि देश में आज किए जा रहे सभी प्रोग्राम्स में से जो भारत को एक बड़ी छलांग लगाने में मदद करेगा, वह है ग्रीन हाइड्रोजन का क्षेत्र. PM मोदी ने कहा, राष्ट्रीय ध्वज के नीचे, मैं राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की घोषणा कर रहा हूं. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत को अपने आजादी के 100 साल से पहले ऊर्जा के क्षेत्र में स्वतंत्र बनने का संकल्प लेना होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में एडवांस बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण और रोजगार के अवसर तैयार करने के लिये जल्दी ही 100 लाख करोड़ रुपए की गतिशक्ति योजना शुरू किये जाने की भी घोषणा की.
हाइड्रोजन गैस बनाने के लिए भारत में अभी दो तरह की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है. इनमें से एक तरीके में पानी का इलेक्ट्रोलिसिस कर हाइड्रोजन को अलग किया जाता है. यानी पानी की मदद से बनाई गई हाइड्रोडन से कारें चल सकेंगी. हालांकि, यह तरीका सिर्फ उन्हीं कारों के लिए मुमकिन होगा, जो हाइड्रोजन गैस फ्यूल को सपोर्ट करती हैं. दूसरे तरीके नेचुरल गैस को हाइड्रोजन और कार्बन में तोड़ा जाता है. इससे मिली हाइड्रोजन को फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जाता है.
प्रधानमंत्री गतिशक्ति- नेशनल मास्टर प्लान औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ हवाईअड्डे, नई सड़कों और रेल योजनाओं सहित यातयात की व्यवस्था को दुरूस्त करेगी और युवाओं के लिये रोजगार के अवसर तैयार करेगी. PM ने 2047 तक भारत को ऊर्जा के मामले में आत्मिनर्भर बनाने का भी ऐलान किया.
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