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Ola and Uber potential merger: इंडियन कैब एग्रीगेटर ओला और उबर टेक्नोलॉजीज इंक के विलय की खबरों को ओला के को-फाउंडर भाविश अग्रवाल ने खारिज कर दिया है. एक अंग्रेजी अखबार ने ओला और उबर के मर्जर को लेकर रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसका अग्रवाल की ओर से खंडन किया गया है. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि दोनों कंपनियों के बीच मर्जर को लेकर बातचीत चल रही है और इन कयासों को मजबूती मिलती उससे पहले ही ओला के को-फाउंडर ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए इसे बकवास करार दिया है.
ओला ने खारिज की रिपोर्ट
भाविश अग्रवाल ने रिपोर्ट को रीट्वीट करते हुए लिखा, 'बिल्कुल बकवास, हम काफी मुनाफे में हैं और अच्छा कर रहे हैं. अगर कुछ कंपनियां भारत से अपने कारोबार को हटाना चाहती हैं तो उनका स्वागत है! हम कभी मर्जर नहीं करेंगे.' ओला ही नहीं बल्कि उबर की तरफ से भी मर्जर की अटकलों को खारिज किया गया था. साथ ही बताया गया कि ओला के अधिकारियों के साथ ऐसी कोई मीटिंग नहीं हुई है और न ही कंपनी ने मर्जर का कोई प्लान बनाया है.
Absolute rubbish. We’re very profitable and growing well. If some other companies want to exit their business from India they are welcome to! We will never merge. https://t.co/X3wC9HDrnr
— Bhavish Aggarwal (@bhash) July 29, 2022
इससे पहले इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि भारतीय कैब एग्रीगेटर ओला और उबर टेक्नोलॉजीज एक विलय पर विचार कर रही हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि ओला के सीईओ भाविश अग्रवाल ने अमेरिका में उबर के टॉप अधिकारियों से मुलाकात की है. उबर ने एक बयान में कहा कि यह रिपोर्ट एकदम गलत है, हम ओला के साथ विलय की बातचीत में नहीं हैं.
कंपनी ने बयान में कही ये बात
ओला ने भी अपने सफाई में कहा कि वह एक मजबूत बैलेंस शीट के साथ दुनिया की सबसे ज्यादा फायदेमंद राइड हेलिंग कंपनियों में से एक है. कंपनी ने कहा, 'हम भारत में मार्केट लीडर हैं और अन्य प्लेयर्स की तुलना में काफी बड़े हैं. इसलिए किसी भी तरह का मर्जर पूरी तरह से समीकरण से बाहर है. हमारा मानना है कि मोबिलिटी सर्विस की बात करें तो भारत के पास अनलॉक करने के लिए काफी मौके हैं.
ओला और उबर दोनों ही कंपनियों को मौजूदा वक्त में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. यही वजह रही कि ओला ने अपना ग्रॉसरी बिजनेस बंद कर दिया था और इसी तरह उबर ईट्स सर्विस को उबर ने जोमैटो को बेच दिया था. दोनों ही कंपनी के बीच तगड़ी प्रतिस्पर्धा है और इसी वजह से कस्टमर्स को कई ऑफर भी दिए गए. इनकी वजह से भी ओला और उबर को कुछ हद तक कारोबारी मुश्किल झेलनी पड़ रही है.
(IANS के इनपुट के साथ)
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