Motivational Story: कभी साइकिल पर रखकर बेचा अपना प्रोडक्‍ट, आज उस ब्रांड के हर घर में हैं मुरीद
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Motivational Story: कभी साइकिल पर रखकर बेचा अपना प्रोडक्‍ट, आज उस ब्रांड के हर घर में हैं मुरीद

गुजरात के रहने वाले करसनभाई पटेल (Karsanbhai Patel) किसी जमाने में साइकल पर गांव-गांव घूमकर अपना डिटर्जेंट बेचा करते थे. आज वे अरबों रुपये की संपत्ति के मालिक हैं. 

करसनभाई पटेल (फाइल फोटो)

गांधीनगर: गुजरातियों के बारे अक्सर कहा जाता है कि बिजनेस करना उनके खून में है. उस बिजनेस को सफल बनाने के लिए वे जोखिम उठाने से भी नहीं घबराते. निरमा कंपनी के मालिक करसनभाई पटेल (Karsanbhai Patel) पर यह कहावत बिल्कुल फिट बैठती है. 

  1. डिटर्जेंट बेचने के लिए साइकल पर घूमे करसनभाई
  2. सरकारी नौकरी में नहीं रमा मन
  3. घर के पिछले हिस्से में शुरू किया काम

डिटर्जेंट बेचने के लिए साइकल पर घूमे करसनभाई

किसी जमाने में करसनभाई पटेल (Karsanbhai Patel) सरकारी नौकरी किया करते थे लेकिन उनका अपना बिजनेस शुरू करने का ख्वाब था. अपने इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने जमी जमाई सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर निरमा डिटर्जेंट कंपनी शुरू की. शुरुआत में वे निरमा डिटर्जेंट (Nirma Company) बेचने के लिए साइकल से गांव- गांव घूमा करते थे. आज वही करसनभाई पटेल 4.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानी अरबों रुपये की संपत्ति के मालिक है.

सरकारी नौकरी में नहीं रमा मन

वर्ष 1945 में जन्मे करसनभाई (Karsanbhai Patel) ने रसायन विज्ञान में स्नातक किया और ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद करसनभाई ने लैब टेक्नीशियन के रूप में काम किया. इसके बाद उन्होंने गुजरात सरकार के भूविज्ञान और खनन विभाग में नौकरी की. लेकिन आम गुजरातियों की तरह उनके मन में भी खुद का बिजनेस शुरू करने का सपना लगातार बना हुआ था.

घर के पिछले हिस्से में शुरू किया काम

वर्ष 1969 में उन्होंने कपड़े धोने के लिए डिटर्जेंट बनाने का फैसला किया लेकिन उन्हें इसके लिए सही फॉर्म्यूला नहीं मिल रहा था. काफी कोशिशों के बाद आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने अपने घर के पिछले हिस्से में डिटर्जेंट बनाने का काम शुरू किया. घर में तैयार उस डिटर्जेंट को वे साइकल पर लादकर गांव-गांव बेचते थे. 

बेटी की मौत ने बदल दिया जीवन

कुछ अरसे बाद एक कार दुर्घटना में उनकी निरुपमा (Nirupama) की मौत हो गई. इस घटना ने करसनभाई (Karsanbhai Patel) का जीवन हमेशा के लिए बदल दिया. उन्होंने अपनी बेटी की मौत का शोक नहीं मनाया और उसे अमर बनाने का उपाय खोजा. उन्होंने अपने डिटर्जेंट का नाम अपनी बेटी के नाम पर करने का फैसला किया. अच्छी गुणवत्ता और कम कीमत की वजह से जल्द ही निरमा भारत का मशहूर डिटर्जेंट बनता चला गया. 

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बेटी को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाया विज्ञापन

कहा जाता है कि निरमा कंपनी ने सभी टीवी विज्ञापनों में सफेद फ्राक पहने जिस लड़की को दिखाया है. उसी उम्र की निरुपमा थी. इसलिए इस विज्ञापन के जरिए करसनभाई पटेल (Karsanbhai Patel) आज भी अपनी बेटी निरुपमा को ऐसी श्रद्धांजलि दे रहे हैं. जो अब दुनिया के जेहन में हमेशा के लिए बस गई है. 

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