अपने घर का सपना देख रहे ग्रामीण और शहरी इलाकों के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है. मोदी सरकार अपनी महत्वकांक्षी योजना सबके लिए घर को पूरा करने की तैयारी में है.
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नई दिल्ली: अपने घर का सपना देख रहे ग्रामीण और शहरी इलाकों के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है. मोदी सरकार अपनी महत्वकांक्षी योजना 'सबके लिए घर' को पूरा करने की तैयारी में है. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2 करोड़ घर का तोहफा खुद पीएम मोदी देंगे. केंद्र की योजना है कि 2018 के अंत तक शहरी और ग्रामीण इलाकों में गरीबों को 2 करोड़ घर बनाकर दिए जाएं. उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल के अंत तक 1 करोड़ घर का निर्माण पूरा हो जाएगा.
इसी साल आवंटित होंगे घर
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, शहरों में कुल 1.18 करोड़ घरों का निर्माण 2022 के बजाए साल 2020 तक पूरा हो जाएगा. वहीं, ग्रामीण इलाकों में 1 करोड़ घरों का निर्माण इस साल के अंत तक आवंटित कर दिए जाएंगे. आवंटन करने के पीछे मकसद है कि लोगों को भरोसा होगा कि उनको मकान मिलने वाले हैं. बता दें, इससे पहले 45 लाख घरों को मंजूरी दी जा चुकी है.
ग्रामीण इलाकों में पहले मिलेंगे घर
सरकार की योजना के तहत गरीबों को घर देने का मकसद प्रधानमंत्री आवास योजना को ग्रामीण इलाकों तक लेकर जाना है. पहले इन्हीं इलाकों में घर दिए जाएंगे. गरीबों को घर मिलने से एक बड़ा बदलाव आएगा और न्यू इंडिया का निर्माण होगा.
उत्तर प्रदेश में बनाए गए 8 लाख घर
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सबसे ज्यादा घर उत्तर प्रदेश में बनाए गए हैं. राज्य के ग्रामीण इलाकों में घरों की कमी सबसे ज्यादा थी. यही वजह है कि पिछले एक साल में उत्तर प्रदेश सरकार ने 8 लाख घर बनवाएं हैं. यह किसी भी राज्य से ज्यादा हैं. यही नहीं राज्य में घर लेने वाले लोगों को 1.2 लाख रुपए की सब्सिडी भी दी गई है.
और किन राज्यों में कितने घर
पिछले एक साल में मध्य प्रदेश ने 6 लाख घरों का निर्माण किया है. वहीं, राजस्थान में 3.5 लाख घरों का निर्माण किया है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अभी तक 40 लाख से ज्यादा घरों का निर्माण पूरा हो चुका है. जून तक हमारा लक्ष्य 60 लाख घर बनाने का है. बाकी 40 लाख घरों का निर्माण दिसंबर 2018 तक बनाने का लक्ष्य है.
2016 में लॉन्च हुई थी योजना
प्रधानमंत्री आवास योजना को पीएम मोदी ने 2016 में लॉन्च किया था. इसकी डेडलाइन मार्च 2019 रखी गई थी. एक तरफ ग्रामीण इलाकों में जहां 40 लाख घर बनाए जा चुके हैं. वहीं, शहरी इलाकों में जमीन और पैसे की समस्या के चलते 5 लाख घरों का ही निर्माण हुआ है. यहां अभी 22 लाख घरों का निर्माण और होना है.